नई दिल्ली: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के सिलक्यारा टनल (Uttarkashi Tunnel) में फंसे 41 मजदूरों को बाहर निकाला जा चुका है। सभी श्रमिकों को तुरंत इलाज के लिए अस्पताल के लिए रवाना कर दिया गया है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने टनल से बाहर निकलते ही मजदूरों को गले लगाया और उन्हें शॉल भेंट किया। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर श्रमिकों के परिजनों को बधाई दी है और खुशी जाहिर की है।
प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट कर बचाव अभियान में मिली इस सफलता की बधाई दी। पीएम ने लिखा- उत्तरकाशी में हमारे मजदूर भाइयों के बचाव अभियान की सफलता हर किसी को भावुक कर देने वाली है। प्रधानमंत्री ने सुरंग में फंसे मजदूरों के साहस की तारीफ की है। उन्होंने लिखा है कि टनल में फंसे हुए मजदूरों का साहस और धैर्य हर किसी को प्रेरित कर रहा है।
उन्होंने फिर मजदूरों की कुशलता और उत्तम स्वास्थ्य की कामना करते हुए लिखा है कि यह अत्यंत संतोष की बात है कि लंबे इंतजार के बाद अब हमारे ये साथी अपने प्रियजनों से मिलेंगे। इन सभी श्रमिकों के परिवार जनों ने भी इस चुनौतीपूर्ण समय में जिस संयम और साहस का परिचय दिया है, उसकी जितनी भी सराहना की जाए वो कम है। पीएम ने आगे लिखा कि मैं इस बचाव अभियान से जुड़े सभी लोगों के जज्बे को भी सलाम करता हूं। बचान अभियान में जुटे लोगों की बहादुरी और संकल्प-शक्ति ने हमारे श्रमिक भाइयों को नया जीवन दिया है। आगे पीएम ने कहा कि मिशन में शामिल हर किसी ने मानवता और टीम वर्क की एक अद्भुत मिसाल कायम की है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट किया- यह देश के लिए बहुत अच्छी खबर है कि उत्तरकाशी में एक सुरंग (Uttarkashi Tunnel) में फंसे हमारे सभी 41 श्रमिक भाइयों को सुरक्षित और स्वस्थ बचा लिया गया है। राष्ट्र सुरंग में इतने लंबे समय तक ऐसी चुनौतीपूर्ण स्थिति का सामना करने के लिए उनके साहस को सलाम करता है। आगे अमित शाह ने उन सभी लोगों और एजेंसियों के लिए अपना आभार व्यक्त किया, जिन्होंने मजदूरों की जान बचाने के लिए अथक प्रयास किए हैं।
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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने ट्वीट किया- मुझे यह जानकर राहत और खुशी महसूस हो रही है कि उत्तराखंड में सुरंग में फंसे सभी श्रमिकों को बचा लिया गया है। 17 दिनों से अधिक की उनकी पीड़ा, क्योंकि बचाव प्रयास को बाधाओं का सामना करना पड़ा, मानव सहनशक्ति का एक प्रमाण है। राष्ट्र उनके लचीलेपन को सलाम करता है और अपने घरों से बहुत दूर, बड़े व्यक्तिगत जोखिम पर भी महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए उनका आभारी है। मैं उन टीमों और सभी विशेषज्ञों को बधाई देती हूं, जिन्होंने सबसे कठिन बचाव अभियानों में से एक को पूरा करने के लिए अविश्वसनीय धैर्य और दृढ़ संकल्प के साथ काम किया है।
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