उत्तरकाशीः दिवाली के दिन से उत्तरकाशी की निर्माणाधीन सुरंग में फंसे 41 मजदूर कभी भी बाहर निकाले जा सकते हैं। टनल के अंदर मेडिकल की टीम पहुंच गई है। इसके अलावा मजदूरों के परिजनों को भी सुरंग के पास बुलाया क्योंकि परिजन मजदूरों के साथ अस्पताल जाएंगे। एनडीएमए के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) सैयद अता […]
उत्तरकाशीः दिवाली के दिन से उत्तरकाशी की निर्माणाधीन सुरंग में फंसे 41 मजदूर कभी भी बाहर निकाले जा सकते हैं। टनल के अंदर मेडिकल की टीम पहुंच गई है। इसके अलावा मजदूरों के परिजनों को भी सुरंग के पास बुलाया क्योंकि परिजन मजदूरों के साथ अस्पताल जाएंगे। एनडीएमए के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) सैयद अता हसनैन ने बताया कि रातभर काम किया गया है, हमारी टीम बहुत ही मुश्किल काम कर रही है। 58 मीटर तक जाना ये बहुत बड़ी उपलब्धि है। हम कह सकते हैं कि हम आर-पार हो गए हैं, सभी सुरक्षा एहतियात बरते गए हैं।
बचाव अभियान के चलते सुरंग के अंदर अस्थायी चिकित्सा सुविधा का प्रदान किया जा रहा है। फंसे हुए मजदूरों को निकालने के बाद यहीं पर प्राथमिक स्वास्थ्य प्रशिक्षण दिया जाएगा। किसी भी तरह की दिक्कत होने पर स्वास्थ्य विभाग की ओर से घटनास्थाल के पास आठ बेड की व्यवस्था की गई है और डॉक्टरों एवं विशेषज्ञों की टीम तैनात कर दी गई है। बताया ये भी जा रहा है कि सिल्क्यारा सुरंग से श्रमिकों को निकालने के बाद एयरलिफ्ट किया जा सकता है। इसको लेकर चिन्यालीसौर हवाई पट्टी पर चिनूक हेलीकॉप्टर तैनात कर दिया गया है।
एक्यूरेट कंक्रीट सॉल्यूशंस के एमडी अक्षत कात्याल ने कहा कि पाइप को बिना किसी बाधा के बहुत सावधानी से अंदर धकेला गया है, एक सफलता हासिल की गई है और पाइप पहुंच गया है। मजदूरों को बचाने का काम शुरू हो चुका है। उन्होंने कहा कि कम से कम तीन लोग हैं। वहीं चार चरण में रेस्क्यू ऑपरेशन होगा। एनडीआरएफ की टीमें अंदर पहुंच चुकी हैं। रैंप बनते ही श्रमिकों को बाहर निकाला जाएगा