नई दिल्लीः उत्तरकाशी के सिल्क्यारा सुरंग में फंसी 41 जिंदगियों को बचाने के लिए प्रयास युद्धस्तर पर जारी है। पूरा देश 41 मजदूरों को बाहर निकलने के लिए बेसब्री से इंतजार कर रहा है। वहीं घटनास्थल पर मौजूद 4 अधिकारियों की ओर से अलग-अलग बयान सामने आ रहे है। उत्तराखंड सरकार के सचिव नीरज खैरवार […]
नई दिल्लीः उत्तरकाशी के सिल्क्यारा सुरंग में फंसी 41 जिंदगियों को बचाने के लिए प्रयास युद्धस्तर पर जारी है। पूरा देश 41 मजदूरों को बाहर निकलने के लिए बेसब्री से इंतजार कर रहा है। वहीं घटनास्थल पर मौजूद 4 अधिकारियों की ओर से अलग-अलग बयान सामने आ रहे है। उत्तराखंड सरकार के सचिव नीरज खैरवार ने कहा कि कुछ दिक्कते और आई है। वहीं एनएचआईडीसीएल के अधिकारी महमूद अहमद ने कहा कि हमने 22 नवंबर को 45 मीटर तक पाइप इन्सर्ट कर दिया था।
अधिकारी महमूद अहमद ने कहा कि 23 नवंबर को हमारे सामने एक और परेशानी आई, ड्रिलिंग के दौरान छत में इस्तेमाल होने वाली पाइप बीच में आ गई। जिसके चलते रेस्क्यू ऑपरेशन में बाधा आ गई। उन्होंने कहा कि स्टील पाइप 46.8 मीटर तक डाला गया है। साथ हीं उन्होंने कहा कि फंसे हुए श्रमिकों तक पहुंचने के लिए पाइप के छह-छह मीटर के दो हिस्से डाले जाने है।
इससे पहले प्रधानमंत्री कार्यलय के पूर्व सालाहकार भास्कर खुलबे ने बताया था कि बरमा के साथ मलबे के माध्यम से बोरिंग सुबह 11.30 बजे तक फिर से शुरु होने की संभावना है। उन्होंने कहा कि हमें अभी 12-14 मीटर और जाना है और मुझे उम्मीद है कि अगर सब कुछ सही रहा तो हम शुक्रवार शाम तक ऑपरेशन पूरा कर सकते है। हालांकि खुलबे द्वारा बताए गए समय पर ड्रिंलिंग शुरु नहीं हुई।