नई दिल्लीः उत्तराखंड के सिलक्यारा सुरंग से में फंसे 21 मजदूरों को बाहर निकालने में अहम भूमिका निभाने वाले रैट होल माइनर्स ने सीएम पुष्कर सिंह धामी द्वारा इनाम के तौर पर दिए गए 50,000 रुपए का चेक का भुगतान लेने से मना कर दिया है। माइनर्स ने कहा की पीएम मोदी द्वारा दी जाने […]
नई दिल्लीः उत्तराखंड के सिलक्यारा सुरंग से में फंसे 21 मजदूरों को बाहर निकालने में अहम भूमिका निभाने वाले रैट होल माइनर्स ने सीएम पुष्कर सिंह धामी द्वारा इनाम के तौर पर दिए गए 50,000 रुपए का चेक का भुगतान लेने से मना कर दिया है। माइनर्स ने कहा की पीएम मोदी द्वारा दी जाने वाली यह राशि उनकी भूमिका के बराबर नहीं है। वहीं रैट होल माइनिंग के एक सदस्य अधिवक्ता हसन ने कहा कि यह एक निराशाजनक स्थिति है। जब मजदूर संकट में फंसे हुए थे तब रैट होल माइनर्स ने अपनी जान दांव पर लगाकर सभी श्रमिकों को बचाया था। हम सीएम धामी के द्वारा उठाए गए कदम की सराहना करते है लेकिन यह राशि हमलोगों के लिए पर्याप्त नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा दी जाने वाली सम्मान राशि को सभी 12 सदस्यों ने सामूहिक रुप से लेने से मना किया है। सभी मजदूरों का कहना है कि मैने उसी दिन अपना असंतोष सीएम के सामने वयक्त किया था। उस वक्त अधिकारियों ने भरोसा दिया था कि हमारे संबंध में घोषणा एक-दो दिन में की जाएगी। जिसके बाद हम वहां से लौट आए। साथ ही उन्होंने कहा कि अगर वादा पूरा नहीं किया गया तो हम चेक वापस कर देंगे। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन में मदद करने वाले रैट माइनर्स अपने लिए स्थायी नौकरी राज्य सरकार से उम्मीद करते है।
उन्होंने कहा कि फंसे हुए श्रमिकों को बचाने के लिए हम सचमुच मौत के मुंह में चले गए। हमने अपने परिवार के सदस्य की बातों को नजरअंदाज कर दिया था क्योंकि मानव जीवन को बचाना था। हमारी भूमिका के हिसाब से 50,000 की राशि प्रयाप्त नहीं है। इससे हमार मनोबल डाउन हुआ है। हमें सरकार से स्थायी नौकरी या रहने के लिए घर मिलने की उम्मीद थी
। जानकारी दे दें कि 17 दिनों की लंबी कोशिश के बाद सभी 41 मजदूरों को 12 रैट होल माइनर्स ने जान बचाई थी। जिसके बाद सीएम धामी ने सभी 12 सदस्यों को 50 हजार का चेक देकर सम्मानित किया था।