देहरादूनः उत्तरकाशी की निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में 17 दिन से फंसे 41 मजदूरों के लिए मंगलवार का दिन अहम साबित हुआ। बचाव अभियान में लगी टीम को आज सफलता मिल गई है। फंसे मजदूरों को निकालने के लिए रैट माइनिंग पद्धति द्वारा सुरंग के अंदर मैन्युअल ड्रिलिंग की गई। रैट माइनर्स द्वारा यह ड्रिलिंग 57 […]
देहरादूनः उत्तरकाशी की निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में 17 दिन से फंसे 41 मजदूरों के लिए मंगलवार का दिन अहम साबित हुआ। बचाव अभियान में लगी टीम को आज सफलता मिल गई है। फंसे मजदूरों को निकालने के लिए रैट माइनिंग पद्धति द्वारा सुरंग के अंदर मैन्युअल ड्रिलिंग की गई। रैट माइनर्स द्वारा यह ड्रिलिंग 57 मीटर तक की गई।
बता दें कि 12 नवंबर 2023 की अल सुबह 05.30 बजे सिलक्यारा से बड़कोट के बीच बन रही निर्माणाधीन सुरंग दरकने लगी थी। सुरंग के सिल्क्यारा हिस्से में 60 मीटर की दूरी में मलबा गिरने के कारण यह घटना हुई थी। 41 मजदूर सुरंग के अंदर सिलक्यारा पोर्टल से 260 मीटर से 265 मीटर अंदर रिप्रोफाइलिंग का काम कर रहे थे, तभी सिलक्यारा पोर्टल से 205 मीटर से 260 मीटर की दूरी पर मिट्टी का धंसाव हुआ और सभी 41 श्रमिक सुरंग के अंदर फंस गए।
घटना की जानकारी तुरंत राज्य और केंद्र सरकार की सभी संबंधित एजेंसियों को दी गई और उपलब्ध पाइपों के जरिए सुरंग में फंसे हुए मजदूरों को ऑक्सीजन, पानी, बिजली, पैक भोजन की आपूर्ति के साथ राहत बचाव कार्य शुरू किया गया। फंसे हुए मजदूरों से वॉकी-टॉकी के माध्यम से भी बातचीत स्थापित किया गया है। मजदूरों को शीघ्र बचाव के लिए बीते 16 दिनों में कई उपाय किए गए हैं।