नई दिल्लीः उत्तरकाशी के सिलक्यारा में 15 दिनों से 41 मज़दूर सूरंग में फंसे हुए हैं। रेस्क्यू ऑपरेशन में नई-नई मुसीबते सामने आ रही हैं। टनल में ड्रिलिंग मशीन के फंसने के बाद सुरंग में फंसे मजदूरों के जल्द बाहर निकलने की उम्मीद पर पानी फिर गया है। रेस्क्यू में अब लंबा वक्त लग सकता […]
नई दिल्लीः उत्तरकाशी के सिलक्यारा में 15 दिनों से 41 मज़दूर सूरंग में फंसे हुए हैं। रेस्क्यू ऑपरेशन में नई-नई मुसीबते सामने आ रही हैं। टनल में ड्रिलिंग मशीन के फंसने के बाद सुरंग में फंसे मजदूरों के जल्द बाहर निकलने की उम्मीद पर पानी फिर गया है। रेस्क्यू में अब लंबा वक्त लग सकता है। सुरंग में फंसे ऑगर मशीन के पार्ट्स को निकालने पर काम चल रहा है। इस बीच दो तीन विकल्पों पर भी काम शुरू कर दिया गया है।
अतिरिक्त सचिव तकनीकी, सड़क और परिवहन महमूद अहमद ने एक प्रेस वार्ता में बताया कि ऑगर मशीन 13.98 मीटर अंदर है और लेजर और प्लाजमा कटर से काटा जा रहा है। इसके लिए घंटो देर तक तक काम होगा। उन्होंने कहा कि विशेषज्ञों ने दो से तीन विकल्पों पर काम शुरू कर दिया गया। एसजीवीएनएल 1.2 मीटर डायमीटर का वर्टिकल ड्रिलिंग कर चुकी है। भूगर्भशास्त्री ने ड्रिलिंग के लिए नई जगह की पहचान की है। करीब 15 मीटर की क्षैतिज खुदाई कर ली गई है। हमने एक जगह की पहचान की है जहां से हमारा अनुमान है कि कुल 86 मीटर की खुदाई होनी है। बता दें कि एक मशीन 44-45 मीटर ड्रिलिंग करती है। इसके बाद दूसरी मशीन का प्रयोग किया जाएगा। इसके लिए दूसरी मशीन भी आ गई है।
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को सिलक्यारा सुरंग में फंसे चंपावत जिले के टनकपुर निवासी पुष्कर सिंह ऐरी के घर जाकर उनके परिजनों का हौसला बढ़ाया और कहा कि सुरंग में फंसे सभी 41 श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकालने की भरपूर कोशिश की जा रही है । धामी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि सुरंग में फंसे श्रमिक बंधु पुष्कर सिंह ऐरी जी के टनकपुर, चंपावत स्थित आवास पहुंचकर उनके परिजनों से मुकालत कर उनका हौसला बढ़ाया है। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि इस दौरान उन्हें श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए केंद्रीय एजेंसियों एवं प्रदेश प्रशासन द्वारा किए जा रहे भरपूर प्रयासों की जानकारी दी।