केदारनाथ: उत्तराखंड के केदारनाथ में दूरसंचार व्यवस्था लड़खड़ाने से हजारों तीर्थयात्रियों समेत व्यापारी परेशान है. नेटवर्क काम न करने की वजह से लोग ऑनलाइन पेमेंट नहीं कर पा रहे हैं साथ ही व्यापारी बंधु भी परेशान है. केदारनाथ धाम के कपाट 6 मई से तीर्थयात्रियों के लिए खुल गए है, लेकिन अभी तक यहां कनेक्टिविटी […]
केदारनाथ: उत्तराखंड के केदारनाथ में दूरसंचार व्यवस्था लड़खड़ाने से हजारों तीर्थयात्रियों समेत व्यापारी परेशान है. नेटवर्क काम न करने की वजह से लोग ऑनलाइन पेमेंट नहीं कर पा रहे हैं साथ ही व्यापारी बंधु भी परेशान है. केदारनाथ धाम के कपाट 6 मई से तीर्थयात्रियों के लिए खुल गए है, लेकिन अभी तक यहां कनेक्टिविटी प्रॉब्लम सही नहीं हो पाई है. इसके साथ ही यहां बिजली गुल की भी समस्या बनी हुई है. लोगों का कहना है कि कभी-कभी रात भर बिजली गायब रहती है, जिसके चलते श्रद्धालु परेशान होते है.
बता दें केदारनाथ धाम में 3 टेलीकॉम कम्पनीज के टावर लगे हैं, जिनमें एयरटेल, जियो और बीएसएनएल शामिल हैं. लेकिन लोगों का कहना है कि ये टावर मात्र शोपीस बनकर रह गए हैं. इन टाॅवरों से न व्यापारियों को कोई लाभ मिलता है और न ही तीर्थयात्रियों को. आज के आधुनिक समय में जब सभी लोग बटवे से ज़्यादा पैसे मोबाइल में रखते है और ऐसे में कनेक्टिविटी की समस्या होना, सरकार की व्यवस्था पर बड़ा सवाल उठाती है. हलांकि केदारनाथ धाम में पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत निर्माण कार्य हो रहे हैं, लेकिन अभी भी यहां समयस्यां बहुत है.
तीर्थयात्रियों का कहना है कि उन्हें प्रशासन ने पहले ही बता दने चाहिए था कि धाम में नेटवर्क की समस्यां है और सभी लोग अपने हिसाब से इंतजाम कर लें. तीर्थयात्रियों ने कहा कि उन्हें पैसों के लिए यहां-वहां भटकना पड़ रहा है. विपिन कुमार नाम के एक तीर्थयात्री ने कहा कि केदारनाथ में कभी भी कोई अनहोनी हो सकती है, यहां पर स्वास्थ्य सुविधा की कमी होती है. उन्होंने कहा कि डिजिटल युग में केदारनाथ धाम में दूरसंचार की परेशानियों से जूझना पड़ रहा है.
केदारनाथ धाम में तीर्थयात्रियों को हो रही दिक्कतों पर विपक्ष ने सरकार को घेरा है. कांग्रेस नेता सूरज नेगी ने कहा कि यात्रा के शुरुआत से ही खामियां देखने को मिल रही हैं.उन्होंने कहा कि दूरसंचार और बिजली की लड़खड़ाती व्यवस्था से देश-विदेश से केदारनाथ धाम पहुंच रहे श्रद्धालु अच्छा संदेश लेकर नहीं जा रहे. लोगों को इससे परेशानी हो रही और सरकार कुछ नहीं कर रही है.