Uttarakhand Election : एक तरफ जहां काग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत, विधायक दल के नेता प्रीतम सिंह और कार्यकारी अध्यक्ष रणजीत रावत अपने बेटे/बेटी के लिये टिकट की मांग कर रहे हैं. तो वहीं दूसरी तरफ राहुल गांधी ने इनके अरमानों पर पानी फेर दिया है.
पार्टी में परिवारवाद पर अंकुश लगाने के लिये राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने उत्तराखण्ड में भी एक परिवार में एक टिकट की नीति लागू करने का निर्णय लिया है. राहुल के इस निर्णय से पूर्व सीएम हरीश रावत समेत परिवार के लिये टिकट मांग रहे अन्य कॉग्रेसी नेताओं को भी जोर का झटका लगा है.
गौरतलब हो कि इससे पहले गणेश गौंडियाल ने एक परिवार के लोगों को ज्यादा टिकट दिए जाने की वकालत की थी. हालांकि गौंडियाल की इस बात का गांधी परिवार के करीबी और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने परिवारवाद को कार्यकर्ताओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाते हुए खुला विरोध किया था. पंजाब को लेकर राहुल गांधी के इस रवैये से एक बात तो साफ है कि अब उत्तराखण्ड विधानसभा चुनाव में भी वन फैमिली, वन टिकट का फॉर्मूला लागू किया जाएगा.
इस कड़ी में पूर्व सीएम हरीश रावत अपने बेटे या बेटी के लिये टिकट मांग रहे हैं. विधायक दल के नेता प्रीतम सिंह अपने बेटे के लिये टिकट मांग रहे थे. कार्यकारी अध्यक्ष रणजीत रावत अपने बेटे के लिये टिकट मांग रहे थे. लेकिन राहुल गांधी के इस निर्णय के बीच एक पेंच फंसता हुआ दिखाई दे रहा है. बीजेपी से आए यशपाल आर्य और उनके बेटे, दोनों मैके पर सिटिंग विधायक हैं. उन्हें टिकट दिया जाना तय माना जा रहा है. फिलहाल देखना ये अहम होगा कि ऊंट किस करवट बैठता है।
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