लखनऊ/देहरादून. उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और मध्य प्रदेश आज उन राज्यों की बढ़ती हुई सूची में शामिल हो गए, जिन्होंने मोटर चालकों के लिए केंद्रीय परिवहन मंत्रालय द्वारा निर्धारित संशोधित यातायात जुर्माने को खारिज कर दिया है. भारी जुर्माना पर सार्वजनिक रूप से नाराजगी के बीच, उत्तर प्रदेश के परिवहन मंत्री अशोक कटारिया ने कहा कि राज्य में भाजपा सरकार ने नए नियमों को अभी लागू ना करने का फैसला किया है जब तक कि इस मामले पर अधिक स्पष्टता नहीं हो जाती है. योगी आदित्यनाथ की सरकार ने कहा कि, हम अभी से पुराने जुर्माने के नियमों पर अड़े हुए हैं. हम इसपर केंद्र की अंतिम मंजूरी देने का इंतजार करेंगे.
उत्तर प्रदेश के अलावा भाजपा शासित उत्तराखंड ने भी नए यातायात जुर्मानों को नहीं माना है. सरकार ने इन नियमों को संशोधित करने का निर्णय लिया है. राज्य के शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार ने कई अपराधों के लिए दंड को आधे से कम करने की योजना बनाई है, लेकिन उन्होंने दोपहिया वाहनों पर बिना हेलमेट के सवारी, तेज गति और वाहनों पर तीन लोगों की सवारी के लिए जुर्माना लगाने का फैसला किया है. राज्य सरकार ने इस संबंध में एक अधिसूचना जारी करने के बाद कहा, कम दंड लागू होगा.
मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार ने इस अनुरोध के साथ केंद्र से संपर्क करने का निर्णय लिया है कि लोगों के हितों में नए यातायात दंड को कम किया जाए. मुख्यमंत्री कमलनाथ के कार्यालय ने आज ट्वीट किया, हम सड़क दुर्घटनाओं को भी रोकना चाहते हैं, लेकिन केंद्र को यह सुनिश्चित करना होगा कि दंड लोगों की भुगतान क्षमता से मेल खाए. यह भारी मंदी का समय है. इनके अलावा पश्चिम बंगाल, राजस्थान, पंजाब, झारखंड और महाराष्ट्र जैसे राज्यों ने सड़क अनुशासन को बढ़ावा देने के लिए सख्त जुर्माना लगाने से इनकार किया. वहीं कर्नाटक, गुजरात और केरल जैसे अन्य राज्यों ने संशोधित अधिनियम में बताई गई दरों को कम करने का फैसला किया. दिल्ली अभी भी अंतिम कार्यान्वयन से पहले विचार-विमर्श कर रहे हैं.
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