उत्तर प्रदेश के शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी ने रविवार को कहा कि जो मुसलमान बिना मूछों के दाढ़ी रखते हैं. वो कट्टरपंथी हैं. रिजवी ने कहा कि दाढ़ी रखना सुन्नत है. लेकिन मूंछ के बिना दाढ़ी रखना सुन्नत के खिलाफ है. उन्होंने कहा कि इस तरह के लोगों को दुनिया भर में आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए देखा जा सकता है.
लखनऊ. उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी ने एक बार फिर से ऐसा बयान दिया है जिसके कारण वो चर्चाओं में आ गए हैं. रिजवी ने कहा कि जो मुसलमान बिना मूछों के दाढ़ी रखते हैं वो कट्टरपंथी हैं. उन्होंने कहा कि दाढ़ी रखना सुन्नत है, लेकिन बिना मूंछ दाढ़ी रखना सुन्नत नहीं है. उन्होंने कहा कि ऐसा करने से शक्ल डरावनी हो जाती है और बगैर मूंछ के दाढ़ी रखने वाले मुसलमान कट्टरपंथी सोच के होते हैं.
वसीम रिजवी ने कहा कि ऐसे चेहरे वाले लोग देश और दुनिया के लिए आतंक की पहचान बन चुके हैं. इस प्रकार के लोगों से दुनिया खौफजदा है. बगैर मूछों के दाढ़ी रख कर अपनी शक्ल डरावनी बनाना. शरिया इसकी इजाजत नहीं देता है. रिजवी ने ऐसे लोगों पर निशाना साधा जोकि शरीयत का सहारा लेकर लोगों की निजी जिंदगी में दखल देने वाले फतवे जारी करते हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों का इस्लाम का कोई लेना-देना नहीं है.
फतवा जारी करने वाले मौलानाओं पर निशाना साधते हुए रिजवी ने कहा कि भारतीय संविधान और भारतीय कानून से अलग हट कर अपना कानून बनाना या आम लोगों पर अपनी राय थोपने का अधिकार किसी को नहीं है. वसीम रिजवी ने कहा कि इस तरह के फतवे देने वाले मुल्लाओं पर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज होना चाहिए. वहीं हिन्दू महिलाओं के बारे में वसीम रिजवी ने कहा कि बिंदी लगाना या मांग भरना औरतों की सुहाग की निशानियां हैं. ये पवित्र प्रथा कभी हराम नहीं हो सकती है.