Up election 2022 उत्तरप्रदेश, Up election 2022 उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव में लगातार दूसरी बार समाजवादी पार्टी को हार का सामना करना पड़ा है. हलांकि इस बार सपा को पिछले बार की तुलना में ज़्यादा सीटे मिली है. इस बार समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़ा था, जिसमें उन्हें […]
उत्तरप्रदेश, Up election 2022 उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव में लगातार दूसरी बार समाजवादी पार्टी को हार का सामना करना पड़ा है. हलांकि इस बार सपा को पिछले बार की तुलना में ज़्यादा सीटे मिली है. इस बार समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़ा था, जिसमें उन्हें करहल से जबरदस्त जनसमर्थन मिला और वे इस सीट से चुनाव जीते। सपा प्रमुख अखिलेश यादव आजमगढ़ से लोकसभा सांसद हैं. 10 मार्च को चुनाव जीतने के बाद पार्टी में चर्चाएं शुरू हो गई हैं क्योंकि अखिलेश यादव दो सदनों में सदस्य हो गए और नियमों के मुताबिक उन्हें एक सदन की सदस्यता से इस्तीफा देना होगा. ऐसे में कहा जा रहा है कि वह विधानसभा सीट को छोड़ेंगे.
अखिलेश यादव ने साल 2019 में आजमगढ़ से लोकसभा का चुनाव लड़ा था और वे अच्छे मतों से यहां जनप्रतिनिधि चुने गए थे. इस बार उन्होंने एसपी के गढ़ कहे जाने वाली करहल सीट से चुनाव लड़ा था और वह चुनाव जीते। अखिलेश यादव ने करहल सीट से अपने प्रतिद्वंदी बीजेपी के एसपीएस बघेल को बड़े अंतर से हराया. वहीँ पार्टी में अखिलेश के विधायकी छोड़ने को लेकर उत्तराधिकारी के लिए गहमागहमी का माहौल है. जानकारी के मुताबिक करहल से अखिलेश यादव के करीबी माने जाने वाले रामगोविंद चौधरी को इस सीट से पार्टी अपना प्रत्याशी बना सकती है.
वहीँ राज्य में इस बात की भी चर्चा है कि करहल से अखिलेश के विधायकी छोड़ने के बाद उनके परिवार से भी कोई इस पद की जिम्मेदारी ले सकता है. इसमें पूर्व विधायक सोबरन सिंह यादव का नाम भी सामने आ रहा है. करहल सीट से सोबरन सिंह चार बार विधायक रह चुके हैं और उन्होंने 2017 के चुनाव में मोदी लहर के बावजूद इस सीट पर जीत हासिल की थी. इस बार उन्होंने यह सीट सपा प्रमुख अखिलेश यादव के कहने पर छोड़ी थी. ऐसे में संभव है कि उन्हें फिर इस सीट से सपा अपना प्रत्याशी बना सकती है.
इतिहास की माने तो जब भी सपा परिवार में किसी भी सदस्य ने जीती हुई सीट को छोड़ा तो परिवार के सदस्य को ही चुनाव में टिकट दिया गया है. साल 2004 के लोकसभा चुनाव में मुलायम सिंह यादव ने इस्तीफा दिया था तो उनके भतीजे धर्मेंद्र यादव को उपचुनाव में प्रत्याशी बनाया गया था. इसके बाद साल 2014 के लोकसभा चुनाव में मुलायम सिंह यादव ने आजमगढ़ और मैनपुरी से चुनाव जीता था और उन्होंने बाद में मैनपुरी सीट छोड़ दी थी, जिस पर पोते तेज प्रताप सिंह यादव को पार्टी ने प्रत्याशी बनाया था और वह जीतने में कामयाब रहे थे. ऐसे में अटकले है कि पार्टी अखिलेश यादव की पत्नी डिपंल यादव को करहल से अपना प्रत्याशी बना सकती है.