लखनऊ। योगी सरकार ने कुछ दिनों पहले कानपुर, प्रयागराज सहित यूपी के कई शहरों में हुई हिंसा के बाद आरोपियों की अवैध संपत्तियों पर बुलडोजर कार्रवाई करना शुरू किया था. सरकार के इस कार्रवाई पर जमीयत-उलेगा-ए-हिंद ने सवाल खड़े किए थे और सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. याचिका में आरोप लगाया गया था […]
लखनऊ। योगी सरकार ने कुछ दिनों पहले कानपुर, प्रयागराज सहित यूपी के कई शहरों में हुई हिंसा के बाद आरोपियों की अवैध संपत्तियों पर बुलडोजर कार्रवाई करना शुरू किया था. सरकार के इस कार्रवाई पर जमीयत-उलेगा-ए-हिंद ने सवाल खड़े किए थे और सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. याचिका में आरोप लगाया गया था कि यूपी सरकार जानबूझकर समुदाय विशेष पर एकतरफा कार्रवाई करने का काम कर रही है. मामले में आज यानी बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी।
बता दें कि योगी सरकार की बुलडोजर कार्रवाई पर आज यानी बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी. इससे पहले 13 जुलाई को हुई सुनवाई में सर्वोच्च अदालत ने यूपी में बुलडोजर की कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग करने वाली जमीयत उलेमा ए हिंद की याचिका पर रोक लगा दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था वो इस तरह के आदेश कैसे दे सकते हैं?
दरअसल, बुलडोजर कार्रवाई पर याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील दुष्यंत दवे ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि अदालत को बुलडोजर कार्रवाई पक रोक लगाने का आदेश देना चाहिए जिसपर कोर्ट ने ये साफ कर दिया था कि वो इस तरह का आदेश नहीं दे सकता है. पिछली सुनवाई में अदालत ने इस मामले को 19 अगस्त तक के लिए टाल दिया था.
वहीं, सॉलिसीटर ने इस मामले पर कहा कि, हमें याचिकाओं पर एतराज है. कानूनी तौर पर की जा रही कार्रवाई को सनसनीखेज बनाने की कोशिश की जा रही है. जवाब में दवे ने कहा कि, संभव है कि अवैध निर्माण ही तोड़े गए हो. लेकिन हमारा ऐतराज इस बात का है कि फिर सभी लोगों पर कार्रवाई क्यों नहीं होती? दिल्ली का सैनिक फार्म अवैध है, उसपर 50 साल से कोई कार्रवाई नहीं हुई है. इन सब बातों को सुनकर अदालत ने अगली तारीख देते हुए 10 अगस्त को सुनवाई की बात की. उन्होंने कहा कि, 8 अगस्त तक सभी पक्ष लिखित जवाब दायर कर दें.
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