अवैध खनन मामले में नपे गोरखपुर-कानपुर के डीएम, इलाहाबाद हाई कोर्ट ने किया सस्पेंड

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अवैध खनन मामले में कड़ा रवैया अपनाते हुए गोरखपुर के डीएम राजीव रौतेला और कानपुर देहात के डीएम राकेश कुमार सिंह को निलंबित कर दिया है. दोनों आईएएस अफसरों पर रामपुर में नियुक्ति के दौरान कोसी नदी में हो रहे अवैध खनन रोकने को लेकर हाईकोर्ट के आदेश का पालन न करने का आरोप है.

Advertisement
अवैध खनन मामले में नपे गोरखपुर-कानपुर के डीएम, इलाहाबाद हाई कोर्ट ने किया सस्पेंड

Aanchal Pandey

  • December 14, 2017 7:55 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago

इलाहाबाद: उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अवैध खनन मामले में कड़ा रवैया अपनाते हुए गोरखपुर के डीएम राजीव रौतेला और कानपुर देहात के डीएम राकेश कुमार सिंह को निलंबित कर दिया है. दोनों आईएएस अफसरों पर रामपुर में नियुक्ति के दौरान अवैध खनन रोकने को लेकर हाईकोर्ट के आदेश का पालन न करने का आरोप है. कोर्ट ने यह फैसला चीफ जस्टिस डीबी भोसले और जस्टिस एमके गुप्ता की खंडपीठ ने मकसूद नामक शख्स की ओर से दायर की गई एक पीआईएल पर दिया है. दरअसल, रामपुर जिले के निवासी मकसूद ने करीब दो साल पहले रामपुर की कोसी नदी में चल रहे अवैध खनन को लेकर पीआइएल दायर की थी.

मकसूद ने हुसैन क्रैशर के मालिक गुलाम हुसैन नन्हें पर अवैध खनन का आरोप लगाया था. मकसूद ने यह अवैध खनन प्रशासन की शह पर होने की बात कही थी. जिसके बाद इस मामले में हाई कोर्ट ने बीते 24 अगस्त 2015 को अवैध खनन को रोकने के लिए कार्रवाई करने का आदेश दिया था. मकसूद ने आरोप लगाया था कि हाईकोर्ट में पीआईएल दायर होने के बाद उनपर जानलेवा हमला भी हुआ था. उस दौरान रामपुर के मौजुदा डीएम राकेश कुमार सिंह थे. हालांकि, बाद में राकेश कुमार सिंह ने स्टोन क्रेशर सीज कर लिया था.

जिसके कुछ समय बाद तबादला होकर आए नए डीएम राजीव रौतेला ने फिर से स्टोन क्रेशर का नवनीकरण कर दिया था. इसके बाद मकसूद एक बार फिर हाई कोर्ट पहुंचे थे. अब कोर्ट ने इस मामले में आदेश देते हुए दोनों आईएएस अफसरों को तत्कालीन प्रभाव से निलंबित कर दिया. हाई कोर्ट ने कहा कि अवैध खनन के मामले में जिले के प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों की भूमिकाओं की जांच की जाए. जिसके बाद दोषी अधिकारियों पर विभागीय कार्रवाई की जाए. कोर्ट ने डीएम रापुर शिव सहाय अवस्थी को भी तलब कर पूछा कि रोक के बाद भी दागी ठेकेदारों को लाइसेंस कैसे दिया.? जिसके जवाब में डीएम सहाय ने कहा कि 16 जुलाई 2016 को यह लाइसेंस दिया गया लेकिन नवंबर 2017 में इसे निरस्त कर दिया गया था.

सुप्रीम कोर्ट आज अयोध्या में कार सेवकों पर गोली चलाने के मामले में करेगा सुनवाई

यूपी में अवैध खनन का विरोध करने पर दो बच्चों को जिंदा दफनाया, विधायक के बेटे पर आरोप

Tags

Advertisement