USTTAD YOJNA scheme in india: मोदी सरकार की उस्ताद योजना के क्या हैं फायदे, बुनकर और हस्तशिल्पकार कैसे उठा सकते हैं फायदा?

USTTAD YOJNA scheme in india: उस्ताद योजना का शुभारंभ अल्पसंख्यक लोगों को उनके पारंपरिक काम और कला को बढ़ावा देने के लिए किया गया है. इस योजना के लिए 2014 में 17 करोड़ रुपये खर्च करने की घोषणा की गई थी. किसी भी कुशलता को सीखने के लिए आपको 3-8 महीने का कोर्स करना होता है. इस दौरान सरकार आपको हर महीने 3000 रुपये भी देती है.

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USTTAD YOJNA scheme in india: मोदी सरकार की उस्ताद योजना के क्या हैं फायदे, बुनकर और हस्तशिल्पकार कैसे उठा सकते हैं फायदा?

Aanchal Pandey

  • May 9, 2019 9:36 pm Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago

नई दिल्ली: USTTAD YOJNA (अपग्रेडिंग द स्किल्स एंड ट्रेनिंग इन ट्रेडिशनल आर्ट्स-क्राफ्ट्स फॉर डेवलपमेंट) उस्ताद योजना को मोदी सरकार ने बुनकरों, हस्तशिल्पकारों और पारंपरिक कला से संबंध रखने वाले कलाकारों को लाभ दिलाने के लिए लागू किया था. साथ ही इस योजना का मकसद यह भी है कि इन कलाकारों को आज के समय की तकनीक से रूबरू कराया जाए, जिससे इनके काम में और ज्यादा निखार आ सके.

2014 में सरकार बनाने के बाद नरेंद्र मोदी सरकार ने देश में सबका विकास, सबका साथ का नारा दिया था. उस्ताद योजना इसी सबका विकास, सबका साथ का एक हिस्सा है. उस्ताद योजना का शुभारंभ पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी (यूपी) में 14 मई 2015 को किया गया था.

इसका शुभारंभ करने केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्री नजमा हेपतुल्लाह व केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी पहुंचे थे. मोदी सरकार अगले साल यानी 2020 में इस योजना की समीक्षा करेगी. केंद्रिय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने इस योजना का शुभारंभ करते वक्त कहा था कि परंपरिक कला-काम से जुड़े लोगों को ज्यादा से ज्यादा लाभ उठाना चाहिए. यह योजना कश्मीर से कन्याकुमारी और अरुणाचल से लेकर गुजरात तक यानी पूरी भारत के लोगों के लिए है.

USTTAD योजना की फुल फॉर्म
USTTAD- Upgrading the Skills and Training in Traditional Arts-Crafts for Development

आखिर ‘उस्ताद’ ही नाम क्यों रखा गया
देश में बुनकर और हाथ से कलाकृतियां बनाने वाले कलाकार पिछले कई वर्षों से वही पुराने तरीके से काम करते आ रहे हैं. वह आज के समय की तकनीक से वाकिफ भी नहीं होते हैं. उनके काम में काम को और ज्यादा मजबूती से निखारने के लिए सरकार यह योजना लेकर आई. इस योजना का लाभ लेकर ऐसे तमाम कलाकार अपने-अपने क्षेत्र में उस्ताद बन सकते हैं, महारत हासिल कर सकते हैं.

उस्ताद योजना से क्या-क्या लाभ मिलेगा
आपको बता दें कि मोदी सरकार की यह उस्ताद योजना देशभर के अल्पसंख्यक लोगों के लिए है. इस योजना का लाभ किसी भी जाति, धर्म के लोग उठा सकते हैं. उस्ताद योजना के अंतर्गत ऐसे कारीगरों को उनके काम को और ज्यादा अच्छे से करने की ट्रेनिंग दी जाएगी और साथ ही समय-समय पर उनके क्षेत्र से जुड़ी नई जानकारी भी दी जाएगी.

आगर आपको उस्ताद योजना से संबधित कोई भी जानकारी चाहिए तो आप इस लिंक पर क्लिक कर सकते हैं. इस वेबसाइट पर आपको इससे संबंधित तमाम जानकारी आसानी से उपलब्ध हो जाएगी. http://www.minorityaffairs.gov.in

उस्ताद योजना में 45 वर्ष तक की आयु वाले लोगों को किसी भी तरह की कुशलता (03 से 08 महीने तक) सीखने के लिए सरकार हर महीने 3000 रुपये देती है. पहले इसमें उम्र की सीमा 14 से 35 साल थी. इस योजना में 33% सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित की गई हैं.

इस योजना का एक और लाभ कारीगरों को मिलेगा. इस योजना के माध्यम से कारीगर अंतर्रराष्ट्रीय बाजार में भी अपनी कला का प्रदर्शन कर सकेंगे. अंतर्रराष्ट्रीय बाजार में भी भारतीय कारीगरों की धमक हो एक पहचान बने, उसके लिए भी ई-वाणिज्य पोर्टल की शुरुआत की है. उस्ताद योजना के माध्यम से अल्पसंख्यक युवाओं को रोजगार का मौका मिलेगा.

उस्ताद के योजना के अंतर्गत सरकार ने कारीगरों जैसे बुनकरों, हस्तशिल्पकारों द्वारा बनाए जा रहे विभिन्न उत्पादों की खरीद-बिकरी के लिए ई-बाजार पोर्टल भी बनाया है. उस्ताद योजना का वित्तपोषण पूरी तरह केंद्र सरकार द्वारा किया जा रहा है.

किस-किस क्षेत्र में मिलेगी ट्रेनिंग
उस्ताद योजना के लिए देश के अलग-अलग राज्यों में से 33 पारंपरिक कलाओं को सिखाना का उद्देश्य रखा गया है. जैसे- उत्तर प्रदेश से चिकनकारी और कांच का काम, जम्मू कश्मीर से पेपरमशी, पंजाब से फुलकारी, राजस्थान से लहरिया और गुजरात से अजरक के काम को चुना गया है.

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