नई दिल्ली. UPSC Civil Services Prelims 2019: संघ लोक सेवा आयोग सिविल सेवा प्रीलिम्स परीक्षा 2019 दो जून को आयोजित होगी. आईएएस, आईपीएस जैसे वरीय पदाधिकारी पद के लिए आयोजित होने वाले इस एग्जाम को देश की सबसे कठिनतम परीक्षाओं में से एक माना जाता है. सिविल सेवा का सिलेबस बेहद वृहद होता है. लिहाजा इसकी तैयारी करने वाले उम्मीदवारों को हर एक प्वाइंट पर गहन अध्यय करना होता है. सिविल सेवा प्रिलिम्स परीक्षा के लिए आवेदन आज यानी की 19 फरवरी से भरा जाना शुरू हो चुका है. ऐसे में यहां हम आपको बता रहे हैं कि सिविल सेवा प्रीलिम्स परीक्षा की तैयारी के लिए ध्यान में रखे जाने वाले विषयवार टॉपिक, जो आपकी मुश्किलों को आसान करने में सहायक होगा.
राजनीति शास्त्र-
सिविल सेवा परीक्षा की तीनों परीक्षाओं के लिए राजनीतिशास्त्र काफी महत्त्वपूर्ण होता है. इसमें करेंट अफेयर्स के साथ-साथ विधायी कार्य, सरकार के विभिन्न निकायों के काम-काज पर बारीक नजर रखनी होती है. राजनीतिशास्त्र में उम्मीदवारों को जिन टॉपिक पर अच्छी पकड़ बनाई रखनी चाहिए, वे निम्न हैं- न्याय प्रणाली, नीति आयोग, पंचायती राज और पंचायत एक्सटेंशन टू शेड्यूल एरिया एक्ट 1996, संसद की विभिन्न समितियां, केंद्र और राज्य सरकार के बीच शक्तियों का विभाजन, संसद और राज्य विधानसभाएं, राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मंत्रीमंडल, स्पीकर, गवर्नर, कैग और अर्टानी जनरल, वन अधिकार अधिनियम 2006, ऑडिनरी और मनी बिल और उनके पास होने की प्रक्रिया, संसद के कामकाज, परमाणु अप्रसार संधि, नीति निर्देशक तत्व और मौलिक कर्तव्य.
अर्थशास्त्र-
अर्थशास्त्र ऐसा विषय है, जिसके टर्म आम लोगों को समझ में बहुत कम आता है. टैक्स की व्यवस्था, शेयर मार्केट, बैंकिंग व्यवस्था किसी भी देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ होती है. लेकिन इनकी समझ आम नागिरकों को कम ही होती है. हालांकि सिविल सेवा की तैयारी करने वाले लोगों से अर्थव्यवस्था पर अच्छी पकड़ होने की अपेक्षा की जाती है. सिविल सेवा प्रीलिम्स परीक्षा की पिछली दो साल के प्रश्नों को देखते हुए इस बार की परीक्षा के लिए अर्थशास्त्र से निम्न टॉपिक पर पकड़ बनाए रखना आवश्यक है- अवमूल्यन और अधिमूल्यन, राजकोषीय घाटा और आगामी बजट, टैक्स और रिफॉर्म, नेशनल स्कीम और प्रोग्राम, अर्थशास्त्र से जुड़े बेसिक टर्म, विदेशी संस्थागत निवेश, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश, विभिन्न आर्थिक सर्वे, वित्तिय कमीशन, भारत में गरीबी, रुपये की मांग एवं आपुर्ति, नोटबंदी, बैंकिंग सिस्टम, मुद्रास्फिति, जनसांख्यिकी संकर्मण (demographic transition).
इतिहास-
सिविल सेवा परीक्षा में अब पहले जैसे इतिहास के प्रश्नों को तवज्जो नहीं दिया जा रहा है. लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि इतिहास के प्रश्न शामिल ही नहीं होते है. इतिहास एक वृहद विषय है. इसकी तैयारी के लिए मॉर्डन इंडियन हिस्ट्री, कल्चर और मिडाइवल पीरियड पर उम्मीदवारों को ध्यान देना चाहिए. इतिहास की तैयारी के लिए महत्त्वपूर्ण प्वाइंट निम्न है- कर्मआधारित व्यवस्था, ट्राइबल, पुराने स्थापत्य भवन, गवर्नर जनरल और वायसराय, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम, महत्त्वपूर्ण स्वतंत्रता आंदोलन, इतिहास की करीय व्यवस्था और प्रशासन, भूमि सुधार, महत्त्वपूर्ण राजवंश, भूगोल और पर्यावरण,
भूगोल-
प्रतियोगी परीक्षाओं में भूगोल से कई प्रश्न पूछे जाते है. सिविल सेवा की तैयारी में जुटे उम्मीदवारों को भूगोल के निम्न टॉपिक की तैयारी अच्छे से कर लेनी चाहिए. बाढ़, भूकंप, चक्रवाती तूफान जैसे प्राकृतिक आपदाएं, तापमान, समुद्रों के बीच विभिन्न देशों की भोगौलिक स्थिति, समुद्री लहरें, अलग-अलग क्षेत्रों का पर्यावरण, नेशनल हाईवे और अन्य इन्फ्रास्ट्रक्चर, भूमि प्रकार, नेशनल पार्क, वन्यजीव अभ्यारण्य, भारत की नदियां, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यून, ला लीना और अल नीनो धाराएं, पर्यावरण और कृषि
विज्ञान-
सिविल सेवा प्रीलिम्स परीक्षा की तैयारी कराने वाले अध्यापकों के अनुसार विज्ञान से अब पहले के मुकाबले ज्यादा प्रश्न पूछे जाते है. ऐसे में उम्मीदवारों को इसकी तैयारी पूरजोर तरीके से करनी चाहिए. विज्ञान की तैयारी के लिए महत्त्वपूर्ण टॉपिक हैं – जन स्वास्थ्य से जुड़ी सरकारी योजनाएं, डीएनए स्टेम सेल, मेडिसीन और पब्लिक हेल्थ, फुड और केमिकल, गुरुत्वाकर्षण, प्लांट और एनिमल क्लासीफिकेशन, लाइट एंड मैटर, न्यूक्लियर एनर्जी, मिसाईल, स्पेसक्रॉफ्ट , सेटेलाइट्स, विभिन्न बीमारियां कारण और बचाव.
उपरोक्त महत्त्वपूर्ण प्वांइट से इतर आवेदकों से आग्रह है कि वो सिविल सेवा प्रीलिम्स परीक्षा के पिछले प्रश्नपत्रों को भी देख लें. इससे काफी मदद मिलेगी.
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