नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी से लंदन में दिए गए विवादित बयान को लेकर भाजपा लगातार उनके खिलाफ आक्रामक रुख अपनाए हुए हैं. जहां भाजपा लगातार राहुल गांधी से इस बयान पर माफ़ी की मांग कर रही है. अब केंद्र शासित बीजेपी ने कहा है कि राहुल गांधी को अपने इस भारत […]
नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी से लंदन में दिए गए विवादित बयान को लेकर भाजपा लगातार उनके खिलाफ आक्रामक रुख अपनाए हुए हैं. जहां भाजपा लगातार राहुल गांधी से इस बयान पर माफ़ी की मांग कर रही है. अब केंद्र शासित बीजेपी ने कहा है कि राहुल गांधी को अपने इस भारत विरोधी बयान के लिए जमीन पर उतरकर माफ़ी मांगनी चाहिए. बता दें, राहुल गांधी ने अपने ब्रिटेन दौरे के समय ये बयान दिया था और कहा था कि इस समय भारत में लोकतंत्र खतरे में है.
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने गुरुवार को फिर लंदन सेमिनार में राहुल गांधी के भाषण पर माफ़ी का मुद्दा उठाया है. दूसरी ओर राहुल गांधी पहले ही कह चुके हैं कि वह इस भाषण में दिए गए किसी भी बयान के लिए माफ़ी नहीं मांगेंगे. हालांकि ये पहली बार नहीं है जब राहुल गांधी के किसी बयान को लेकर भाजपा ने माफ़ी का मुद्दा उठाया है. इससे पहले भी ऐसे कई मौके आए हैं जब राहुल गांधी के बयानों के लिए भाजपा ने माफ़ी मांगी है.
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी से तीन अगस्त 2015 को तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज पर की गई टिप्पणी को लेकर माफ़ी की मांग की थी. दरअसल ललित मोदी विवाद को लेकर राहुल गांधी ने सुषमा स्वराज पर निशाना साधा था.
जेएनयू विवाद पर भी बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने राहुल गांधी को माफी मांगने को कहा था. शाह की मांग थी कि जेएनयू विवाद पर राहुल को अपने रुख के लिए माफी मांगनी चाहिए और उन्होंने राहुल गांधी पर वामपंथी विचारधारा के नाम पर राष्ट्रविरोधी ताकतों का समर्थन करने का आरोप लगाया था गौरतलब है कि असम में जेएनयू विवाद को लेकर राहुल गांधी ने RSS पर निशाना साधा था कि युवाओं को देशद्रोही बताना आवाज़ को दबाना है.
बीजेपी की कल्चरल सेल की दिल्ली इकाई की संयोजक रूबी यादव ने भी 2017 में कांग्रेस नेता से माफ़ी की मांग की थी. ये माफ़ी राहुल गांधी के उस बयान को लेकर मांगी गई थी जिसमें उन्होंने कहा था कि RSS महिलाओं के साथ भेदभाव करता है. सतह ही राहुल ने आरएसएस की शाखाओं में महिलाओं को शॉर्ट्स ना पहनने की बात भी कही थी. इस विवादित बयान को रूबी ने दुखद बताया था.
भाजपा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपमानित करने वाले पोस्टर विवाद को लेकर भी राहुल गाँधी से माफ़ी की मांग कर चुकी है. यूपी कैबिनेट के तत्कालीन मंत्री श्रीकांत शर्मा ने राहुल से अपमानजनक पोस्टर्स के लिए पूरे देश से माफ़ी मांगने को कहा था.
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने साल 2018 में कांग्रेस नेता गुलाम नबी और सैफुद्दीन सोज के पाकिस्तान समर्थित बयानों को लेकर भी राहुल गांधी से माफ़ी मांगी थी.
जुलाई 2018 में भी केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने लोकसभा सांसद शशि थरूर को लेकर राहुल गांधी से माफी की मांग की थी. बता दें, कांग्रेस सांसद ने कहा था कि यदि साल 2019 में भाजपा सत्ता में आई तो भारत पाकिस्तान बन जाएगा.
पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत पीवी नरसिम्हा राव के प्रति सम्मान नहीं दिखाने पर भी बीजेपी नेता जीवीएल नरसिम्हा राव ने राहुल गांधी से माफ़ी की मांग की थी.
सुप्रीम कोर्ट का हवाला देकर नवंबर 2019 में राहुल गांधी ने राफेल विमान सौदे में प्रधानमंत्री मोदी पर टिप्पणी की थी. इस टिपण्णी पर भी सांसद मीनाक्षी लेखी ने राहुल के खिलाफ अवमानना याचिका दायर की थी. इस मामले में राहुल गांधी के खिलाफ आपराधिक मामला चलाने की मांग भी की गई थी. लेकिन राहुल गांधी ने उस समय कोर्ट से माफ़ी मांग ली थी. लेकिन भाजपा इस बात पर अड़ गई थी कि राहुल गांधी पूरे देश से माफ़ी मांगे.
एक चुनावी रैली के दौरान 2019 में झारखंड में भारत को दुनिया का ‘रेप कैपिटल’ बताने के लिए भी बीजेपी राहुल गांधी पर हमलावर हो गई थी. भाजपा ने राहुल से इस विवादित बयान पर भी माफ़ी मांगने को कहा था.
लोकसभा भाषण को लेकर केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने राहुल गांधी से माफी मांगने को कहा था. दरअसल राहुल गांधी ने लोकसभा को संबोधित करते हुए कहा था कि भारतीय न्यायपालिका और चुनाव आयोग राज्यों की आवाज को दबाने के साधक बन गए हैं.
दरअसल जर्नलिस्ट एसोसिएशन नाम के संगठन की ओर से आयोजित कार्यकम में राहुल ने लंदन में कहा था कि, ”यदि यूरोप से तीन या 4 गुना बड़े देश में लोकतंत्र खत्म होता है, तो आप कैसी प्रतिक्रिया देंगे. असल में भारत में ये हो चुका है, लेकिन कोई भी इसपर प्रतिक्रिया नहीं दे रहा है. दरअसल ये मामला कारोबार और पैसे का है.’
इसी कड़ी में राहुल गांधी ने आगे कहा कि आबादी में अमेरिका से 3 से 4 गुना बड़े देश में लोकतंत्र समाप्त हो रहा है. इसकी रक्षा करने का दावा करने वाले अमेरिका और यूरोप चुपचाप देख रहे हैं.” राहुल गांधी ने इस दौरान आगे कहा कि, हम भारत में विपक्ष के तौर पर लड़ाई लड़ रहे हैं, लेकिन यह अकेले भारत की जंग नहीं है. यह पूरे लोकतंत्र का संघर्ष है.’ राहुल के इसी बयान को लेकर अब सियासी बवाल हो रहा है. ना ये जा रहा है कि राहुल गाँधी का ये बयान दूसरे देशों को भारत के आतंरिक मामलों में सीधे तौर पर हस्तक्षेप करने का निमंत्रण है
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