UPPSC Topper: छात्रा के पिता चलाते हैं परचून की दुकान, दिव्या को तीसरे प्रयास में मिली सफलता, जानिए टॉपर्स की कहानी

लखनऊ। UPPSC ने राज्य प्रशासनिक सेवा का परिणाम शुक्रवार को जारी कर दिया। बता दें, परीक्षा में जहां टॉप-10 में लड़कियों ने जगह बनाई हैं। वहीं परीक्षा में आगरा की रहने वाली दिव्या सिकरवार ने प्रथम स्थान हासिल किया है। इसके अलावा लखनऊ की रहने वाली प्रतीक्षा पांडे ने दूसरी पोजीशन हासिल की है। इस […]

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UPPSC Topper: छात्रा के पिता चलाते हैं परचून की दुकान, दिव्या को तीसरे प्रयास में मिली सफलता, जानिए टॉपर्स की कहानी

Vikas Rana

  • April 8, 2023 10:55 am Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

लखनऊ। UPPSC ने राज्य प्रशासनिक सेवा का परिणाम शुक्रवार को जारी कर दिया। बता दें, परीक्षा में जहां टॉप-10 में लड़कियों ने जगह बनाई हैं। वहीं परीक्षा में आगरा की रहने वाली दिव्या सिकरवार ने प्रथम स्थान हासिल किया है। इसके अलावा लखनऊ की रहने वाली प्रतीक्षा पांडे ने दूसरी पोजीशन हासिल की है। इस दौरान टॉपर दिव्या ने अपनी सफलता की कहानी बताते हुए परीक्षा में टॉप करने का श्रेय परिवार के साथ ही अपनी मेहनत को दिया।आइए जानते हैं टॉपर छात्राओं ने क्या कहा ?

तीसरे प्रयास में मिली सफलता

UPPSC में प्रथम स्थान हासिल करने वाली दिव्या ने अपनी सफलता का श्रेय अपनी मां को दिया, दिव्या का कहना था कि इससे पहले उन्होंने परीक्षा को पास करने के लिए दो बार प्रयास किया था लेकिन उन्हें सफलता हासिल नहीं हो पाई। दिव्या पहले प्रयास में जहां मेंस का एग्जाम नहीं निकाल पाई थी। वहीं दूसरे प्रयास में इंटरव्यू नहीं निकल पाया था। लेकिन तीसरे प्रयास में उनको सफलता हासिल हो गई। दिव्या का कहना है कि वह अफसर के तौर पर महिलाओं और लड़कियों के लिए काम करना चाहती है, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में, क्योंकि ग्रामीण महिलाओं को जिंदगी में आगे बढ़ने के काफी कम अवसर मिल पाते हैं।

पिता चलाते है परचून की दुकान

इसके अलावा छठे स्थान पर रहने वाली अलीगंज की सल्तनत परवीन ने परीक्षा को काफी संघर्ष के बाद पास किया है।  अपनी सफलता को लेकर परवीन का कहना था कि मेरे परिवार में कुल 30 लोग रहते हैं, हम सभी लोग एक साथ रहते है। मैंने परीक्षा को पास करने के लिए कई सारे प्रयास किए थे। लेकिन जब सफलता नहीं मिल पाती थी तो मेरा संयुक्त परिवार मनोबल नहीं टूटने देता थे। परिवार के लोगों ने कभी अकेलापन महसूस नहीं होने दिया, हर बार हिम्मत बढ़ाने का काम किया जिसके कारण मुझे ये सफलता हासिल हो पाई है। बता दें, सल्तनत परवीन के पिता परचून की दुकान चलाते है, और परवीन खुद नेशनल लेवल की वॉलीबॉल प्लेयर रह चुकी हैं।

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