Upper Castes Reservation Education: मोदी सरकार ने सोमवार को गरीब तबके सामान्य वर्ग के लोगों के लिए नौकरी और शिक्षा के क्षेत्र में 10 प्रतिशत आरक्षण देने का ऐलान किया है. ऐसे में अगर आरक्षण लागू होता है तो देश के उच्चतर शिक्षा संस्थानों में दाखिले के लिए 10 लाख से ज्यादा सीटों का इंतजाम करना होगा.
नई दिल्ली. सोमवार को मोदी सरकार ने गरीब तबके के सवर्णों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण देने पर मंजूरी दे दी है. ऐसे में केंद्र सरकार के ऐलान के बाद से ही यह फैसला चर्चा का विषय बना हुआ है. वहीं इस आरक्षण के फैसले में नौकरी के साथ- साथ शैक्षिक संस्थानों को भी शामिल किया है. ऐसे में इस 10 प्रतिशत आरक्षण का इन शैक्षिक संस्थानों पर बड़ा असर देखने को मिलेगा.
खबरों के मुताबिक आरक्षण को लागू करने के लिए देश के सभी बड़े शैक्षिक संस्थान जैसे आईआईटी, आईआईएम, केंद्रीय यूनीवर्सिटी, राज्य सरकार के संस्थानों और प्राइवेट यूनीवर्सिटी में छात्रों के दाखिले की संख्या को और बढ़ाना होगा. वहीं इसके दूसरे ओर सभी उच्च स्तरीय शिक्षा संस्थान में इस आरक्षण को लागू करने के लिए 10 लाख से अधिक सीटों का प्रबंध करना होगा. सूत्रों के माने तो देश के सभी उच्च स्तरीय संस्थानों में वर्तमान समय में लगभग 1 करोड़ छात्रों के लिए सीटें मौजूद हैं. इसके अलावा 10 लाख सीटों का बंदोबस्त करना अब भी बाकी है.
सूत्रों की माने तो एक सर्वे के तहत देश में कुल मिलाकर 903 यूनीवर्सिटी, 39,050 कॉलेज के साथ-साथ 10,011 के अलावा अन्य कई शिक्षा संस्थान है. वहीं दूसरी ओर इनमें पढ़ने वालों की संख्या लगभग 3.6 करोड़ बतायी जा रही है. जिसमें एससी (अनुसूचित जाति) के 14.4 प्रतिशत छात्र के साथ एसटी (अनुसूचित जनजाति) के 5.2 प्रतिशत के अलावा अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के 35 फीसदी छात्र, मुस्लिम 5% और अन्य अल्पसंख्यक वर्ग के 2.2 प्रतिशत छात्र शामिल हैं. आपको बता दे कि नरेंद्र मोदी सरकार ने मंगलवार को लोकसभा में संविधान संशोधन बिल पेश कर दिया.