Upper Caste Reservation Bill Highlights: नरेंद्र मोदी सरकार का सवर्ण आरक्षण बिल लोकसभा से पास हो गया है. बिल के पक्ष में 323 वोट पड़े जबकि 3 वोट बिल के विपक्ष में गए. इस दौरान कुल 326 सांसद सदन में मौजूद रहे. इससे पहले बिल पर लोकसभा में लंबी चर्चा हुई जिसमें मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने भी बिल का समर्थन किया लेकिन बिल लाने की टाइमिंग पर सवाल उठाते हुए बिल पेश करने की सरकार की मंशा पर सवाल उठा दिए. बुधवार को बिल राज्यसभा में पेश होगा.
नई दिल्ली. नरेंद्र मोदी सरकार ने मंगलवार को लोकसभा में संविधान संसोधन बिल पेश कर दिया. केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत ने यह बिल लोकसभा के पटल पर रखा. बता दे इस बिल पर पहले दोपहर 2 बजे चर्चा होनी थी लेकिन अब इस बिल पर शाम 5 बजे चर्चा शुरू हुई. सोमवार को मोदी कैबिनेट ने आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने की घोषणा की थी. केंद्र सरकार के इस फैसले का बसपा और कांग्रेस ने समर्थन किया है. वहीं हमेशा पीएम मोदी पर हमलावर रहने वाले दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी भी बिल के समर्थन में खड़ी दिखी. लोकसभा 2019 चुनावों के लिए अब ज्यादा वक्त नहीं बचा है, लिहाजा कोई भी राजनीतिक पार्टी सवर्णों की नाराजगी मोल नहीं लेना चाहेगी.
सोमवार को मोदी सरकार द्वारा दिए इस फैसले की हर तरफ चर्चा का हो रही हैं बता दे कि काग्रेंस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने केंद्र सरकार के इस फैसले को लेकर कहा है कि हम सवर्णों को दिए गए आरक्षण के लिए केंद्र सरकार का समर्थन करते लेकिन हम यह भी पूछना चाहते कि आखिरकार मोदी सरकार नौकरियां कब देगी.
वहीं इसके दूसरी ओर बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा है कि वह लोकसभा सदन में संविधान संशोधन बिल का समर्थन करेगी लेकिन मोदी सरकार का यह फैसला लोकसभा चुनाव के लिए एक रणनीति है. अगर केंद्र सरकार को यह फैसला लेना ही था तो अपने कार्यकाल को खत्म होने से पहले लेना चाहिए था. आपको बता दे कि इससे पहले सवर्ण वर्ग के लोगों ने आरक्षण के लिए बीते साल कई आंदोलन किए लेकिन केंद्र सरकार ने तब कोई फैसला नहीं सुनाया. ऐसे में लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार का यह फैसला वाकई चौंकाने वाला है.
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