एससी/एसटी एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में दलित संगठनों ने 2 अप्रैल को भारत बंद का आवाह्न किया था. अब 10 अप्रैल को सवर्णों ने भारत बंद का आवाह्न किया है. पिछले भारत बंद के दौरान हुई हिंसा में करीब एक दर्जन लोगों की मौत हो गई थी. इसे देखते हुए इस बार सरकार अलर्ट है. गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को एडवायजरी जारी की है. भारत बंद
नई दिल्ली. 02 अप्रैल को दलित संगठनों के हिंसाग्रस्त भारत बंद के बाद 10 अप्रैल को सवर्ण संगठनों ने सोशल मीडिया पर भारत बंद का आह्वान किया है. जिसे देखते हुए केंद्रीय गृहमंत्रालय ने सभी राज्यों को एडवाइजरी जारी की है. इन सवर्ण संगठनों ने नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में अनुसूचित जाति और जनजाति समुदाय को दिये जा रहे आरक्षण के विरोध में बंद का आह्वान किया है. साथ ही गृहमंत्रालय ने सोशल मीडिया पर जाति के आधार पर आरक्षण के विरोधी कई संगठनों द्वारा भारत बंद के आह्वान और इसके प्रचार प्रसार को देखते हुए राज्य सरकारों को सुरक्षा चाक-चौबंद करने और हिंसा रोकने के लिए जरूरी कदम उठाने को कहा है.
10 अप्रैल को भारत बंद को देखते हुए उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश के कई स्थानों पर धारा 144 लागू कर दी गई है, जो 20 अप्रैल तक लागू रहेगी. साथ ही कई शहरों में इंटरनेट सेवाएं रविवार रात से हुई बंद कर दी गई है. जो मंगलवार रात तक जारी रहेगा. वहीं भोपाल के कमिश्नर अजातशत्रु श्रीवास्तव ने कहा है कि भोपाल में धारा 144 लागू की जाएगी वहीं स्कूल खुले रहेंगे. किसी भी हिंसा से निपटने के लिए 6000 पुलिस फोर्स लगाई गई है. वहीं सोशल मीडिया पर भी नजर रखी जा रही है.
मंत्रालय ने राज्य सरकारों को डीएम और एसएसपी को उनके अधिकार क्षेत्रों में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार बनाए जाने के लिए कहा है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि किसी तरह के जान-माल के नुकसान को रोकने के लिए राज्यों को सभी संवेदनशील इलाकों में गश्त बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं. गृहमंत्रालय ने कहा है कि किसी भी इलाके में होने वाली हिंसा के लिए जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक जिम्मेदार होंगे.
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10 अप्रैल के भारत बंद को लेकर गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को जारी की एडवाइजरी