Bihar Upendra Kushwaha on BJP: मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रीय लोकसमता पार्टी के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने गुरुवार को मोतिहारी में आयोजित खुले अधिवेशन में कविताई अंदाज में कहा कि अब याचना नहीं रण होगा. बता दें कि कुशवाहा बिहार में सीट बंटवारे को लेकर बीजेपी से नाराज हैं.
नई दिल्ली. भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में सीट बंटवारे को लेकर मची रार अब फूट के करीब आ गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में केंद्रीय मंत्री की भूमिका निभा रहे राष्ट्रीय लोकसमता पार्टी के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने गुरुवार को मोतिहारी में आयोजित खुले अधिवेशन में कहा कि अब याचना नहीं रण होगा. अपने संबोधन में कुशवाहा ने कोई साफ फैसला तो नहीं लिया. लेकिन उनके तेवर यह संकेत दे गए कि जल्द ही रालोसपा एनडीए छोड़ कोई और रास्ता अपनाएगा.
मोतिहारी में रालोसपा के खुले अधिवेशन में उपेंद्र कुशवाहा ने पहली बार प्रधानमंत्री मोदी पर भी हमला बोला. कुशवाहा ने कहा कि मैंने जिसके साथ काम किया उनके साथ काम करके मुझे कोई बड़ा परिवर्तन नहीं दिखा. कुशवाहा ने आगे कहा कि मैंने अभी राजनीति में छोटी यात्रा की है, लेकिन अभी बहुत आगे जाना है. बताते चले कि उपेंद्र कुशवाहा 10 दिसंबर को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मिलने वाले हैं. इस मुलाकात के बाद वो अपने भावी राजनीतिक करियर पर बड़ा ऐलान करेंगे. उपेंद्र कुशवाहा ने अपने ट्विटर अकाउंट पर रामधारी सिंह दिनकर की ‘कृष्ण की चेतावनी’ की पंक्तियों को पोस्ट करते हुए लिखा कि याचना नहीं अब रण होगा.
राष्ट्रपिता #महात्मा_गांधी जी की कर्मभूमि #चंपारण से श्री @UpendraRLSP जी।
"हित-वचन नहीं तूने माना,
मैत्री का मूल्य न पहचाना,
तो ले, मैं भी अब जाता हूँ,
अन्तिम संकल्प सुनाता हूँ।
याचना नहीं, अब रण होगा,
संघर्ष बड़ा भीषण होगा ।"#BabasahebAmbedkar #MahaparinirvanDiwas pic.twitter.com/3h1eRhQUFf— Rashtriya Lok Morcha (@RLMofIndia) December 6, 2018
गौरतलब हो कि उपेंद्र कुशवाहा बिहार में लोकसभा चुनाव 2019 के लिए सम्मानजनक सीट नहीं मिलने से नाराज थे. कुशवाहा की नाराजगी की आग में घी डालने का काम जदयू नेताओं की बयानबाजी ने की. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी एक इंटरव्यू में कुशवाहा पर पूछे गए सवाल को निम्न स्तर का कहा था. सुशासन कुमार के इस बयान पर बिहार में भारी बवाल मचा था.
बता दें कि बिहार में लोकसभा की 40 सीटें है. भाजपा और जदयू गठबंधन ने बराबर सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला लिया है. इन दोनों के अलावा एनडीए में लोजपा और रालोसपा भी शामिल है. भाजपा और जदयू के साथ चुनाव लड़ने के कारण लोजपा और रालोसपा के सीटों में कटौती की जाने की बात की जा रही है. इसी बीच रालोसपा से जुड़े सूत्रों ने कहा कि भाजपा रालोसपा को दो सीट देने पर तैयार है. लेकिन उपेंद्र कुशवाहा चार सीटों की मांग पर कर रहे हैं.