उत्तर प्रदेश के 69,000 शिक्षक भर्ती मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार, 9 सितंबर को महत्वपूर्ण आदेश जारी किया। सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के 69,000 शिक्षक भर्ती मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार, 9 सितंबर को महत्वपूर्ण आदेश जारी किया। सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के हालिया आदेश पर रोक लगा दी और उत्तर प्रदेश सरकार से जवाब मांगा। हाईकोर्ट के फैसले की समीक्षा करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने अगले सुनवाई की तारीख 25 सितंबर तय की है।
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) ने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला फिलहाल स्थगित रहेगा और अगली सुनवाई 25 सितंबर को होगी। कोर्ट ने सभी संबंधित पक्षों को लिखित दलीलें पेश करने का निर्देश दिया है और कहा है कि मामले की गहन समीक्षा के बाद अंतिम आदेश जारी किया जाएगा।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जून 2020 और जनवरी 2022 की चयन सूचियों को रद्द कर दिया था। कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को 2019 की सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा के आधार पर तीन महीने के भीतर नई चयन सूची जारी करने का आदेश दिया। इसके साथ ही, कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया था कि अगर आरक्षित श्रेणी का कोई उम्मीदवार जनरल कैटगरी की मेरिट के बराबर अंक लाता है, तो उसे जनरल कैटगरी के तहत चयनित माना जाए।
सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार और अन्य पक्षों से लिखित दलीलें पेश करने को कहा है। प्रत्येक पक्ष को 7 पन्नों में अपनी दलीलें प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है। कोर्ट ने इस मामले पर गहराई से विचार करने के लिए दो नोडल वकील भी नियुक्त किए हैं।
हाईकोर्ट के फैसले के बाद, उत्तर प्रदेश में पहले से कार्यरत कई शिक्षकों में चिंता की लहर है। उन्हें डर है कि कोर्ट के आदेश के कारण उनकी नौकरियां जा सकती हैं। इस स्थिति के समाधान के लिए सुप्रीम कोर्ट ने मामले की विस्तृत समीक्षा करने का निर्णय लिया है। सुप्रीम कोर्ट की इस रोक ने इस मुद्दे पर एक नई जटिलता जोड़ दी है और अब सभी की नजरें 25 सितंबर की सुनवाई पर टिकी हैं।
ये भी पढ़ें:केजरीवाल सरकार का बड़ा कदम: दिवाली पर पटाखों का बैन और ऑनलाइन बिक्री पर रोक!
ये भी पढ़ें:जापान के पास रूस-चीन का खतरनाक खेल, अमेरिका-यूक्रेन में मची खलबली!