उत्तर प्रदेश शिया सेन्ट्रल वक्फ बोर्ड चेयरमैन वसीम रिजवी को इस्लाम से खारिज कर दिया गया है. लखनऊ में जुम्मे की नमाज के दौरान शिया मौलाना कल्बे जव्वाद ने इस बाबत जानकारी दी है. वहीं इस बारे में वसीम रिजवी ने कहा है कि इस्लाम से खारिज करने का अधिकार दुनिया मे किसी को नहीं है.
लखनऊ. शिया धर्मगुरु अयातुल्ला अल सैयद अली अल हुसैनी अल सिस्तानी के फतवे को अस्वीकार करने के कारण उत्तर प्रदेश शिया सेन्ट्रल वक्फ बोर्ड चेयरमैन वसीम रिजवी को इस्लाम से खारिज कर दिया गया है. बीते शुक्रवार को लखनऊ में जुम्मे की नमाज के दौरान बाबरी पक्ष के गवाह शिया मौलाना कल्बे जव्वाद इस बात की जानकारी दी है. ऐसे में वसीम रिजवी ने मौलाना के फैसले को इनकार किया है. उन्होंने कहा कि उन्हें कोई भी इस्लाम से बाहर नहीं कर सकता है.
वसीम रिजवी ने कहा है कि मौलवी कल्बे जवाद नकवी ने उन्हें और शिया वक्फ बोर्ड के मेंबरों को इस्लाम से ख़ारिज कर दिया क्योंकि उनके अनुसार हम इराक से बाबरी ढांचे के सिलसिले में एक शरारती तत्व के द्वारा किए गए भ्रामक सवाल जवाब (जिसको मौलवी कल्बे के द्वारा फतवे की संज्ञा दी जा रही है ) को नहीं मान रहे हैं. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट से अपना हलफनामा जो राम मन्दिर के निर्माण के संबंध में दिया था वही भी वापस नहीं ले रहे हैं.
वसीम रिजवी ने कहा कि मौलवी कल्बे को इस्लाम की कम मालूमात है, जिस वजह से वे प्रश्नोत्तरी को फतवा मान कर उन्हें इस्लाम से खारिज कर रहे हैं. वसीम रिजवी ने आगे कहा कि इस्लाम से किसी को भी खारिज करने का अधिकार दुनिया मे किसी को नहीं है, चाहे कोई भी मुसलमान कितना ही बड़ा गुनाहगार हो. रिजवी ने कहा कि अगर कोई मुसलमान असलियत में गुनाहगार है, तो उसको उसके गुनाह की सज़ा फैसले के दिन अल्लाह की अदालत में मिल जाएगी.
इसके साथ ही वसीम रिजवी ने कहा कि मौलवी कल्बे का खुद का आचरण शक के घेरे में है और उनपर तमाम तरह की कार्रवाई चल रही हैं जिसमें एक वक्फखोरी भी शामिल है. इसलिए मौलाना कल्बे का यह बयान हताशा और बौखलाहट दिखाता है. बता दें कि शुक्रवार को लखनऊ में जुम्मे की नमाज के दौरान मौलाना कल्बे जव्वाद ने यह भी कहा था कि जो लोग वसीम रिजवी के मददगार हैं उनका बहिष्कार होना चाहिए. इसके साथ ही मौलाना ने सपा छोड़कर भाजपा का दामन थामने वाले बुक्कल नवाब पर भी तंज कसा.
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