लखनऊ. यूपी में राज्य विधि आयोग ने यूपी जनसंख्या विधेयक 2021 का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है। इस ड्राफ्ट में यूपी में जनसंख्या नियंत्रण के लिए कानूनी उपायों के रास्ते सुझाए गए हैं। इसी सिलसिले में इंडिया न्यूज के संवाददाता आशीष सिन्हा ने उत्तर प्रदेश विधि आयोग के अध्यक्ष जस्टिस आदित्यनाथ मित्तल से बातचीत की है।
जस्टिस एएन मित्तल ने कहा “जनसंख्या पर लॉ कमीशन कानून बना रहा है, कानून इस प्रकार है जो व्यक्ति जनसंख्या नीति को अपनाता है कई तरह के प्रोत्साहन दिए जाएंगे। जिसमें अगर वो व्यक्ति सरकारी जॉब में है तो दो अतिरिक्त इंक्रीमेंट दिए जाएंगे। उसकी पेंशन योजना में 3 फ़ीसदी अधिक राशि राज्य सरकार देगी। उस व्यक्ति को राज्य सरकार की सारी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिलेगा। उस व्यक्ति को प्राधिकरण के भूखंड है उनको खरीद करने पर वरयिकता मिलेगी। इसके अलावा मुफ्त चिकित्सा सुविधा भी मिलेगी। ये सारी सुविधाएं उसे मिलेगी।
उन्होंने कहा कि, अगर किसी व्यक्ति ने दो बच्चों के बाद नस बंदी करा ली है तो उस व्यक्ति को ये सारी सुविधाएं मिलेंगी। अगर किसी महिला ने 45 साल की उम्र पूरी कर ली है और सबसे छोटे बच्चे की उम्र 10 साल है तो उसे ये सुविधाएं मिलेंगी।
वहीं अगर को BPL परिवार का व्यक्ति एक बच्चे के बाद नसबंदी करा लेता है तो उसे एक लाख रुपये प्रोत्साहन पुरस्कार दिया जाएगा। राज्य सरकार स्टेट पापुलेशन फ्रंट बना कर बजट आवंटित करे और जो भी इस प्रकार की योजनाएं है उसको संचालित करने के लिए उसमें बजट उपलब्ध रहे।
जस्टिस मित्तल ने कहा कि अगर कोई व्यक्ति जनसंख्या नीति को नही अपनाना चाहता है तो उस व्यक्ति का राशन कार्ड चार लोगों तक सीमित कर दिया जाए। उस व्यक्ति को राज्य की किसी भी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ नही मिलेगा।
अगर किसी महिला को एक ही प्रेग्नेंसी से एक से ज्यादा बच्चे पैदा हो जाते है तो इस कानून में उसे एक ही बच्चा माना जाएगा। अगर किसी व्यक्ति के बच्चे की मौत हो जाती है या बच्चा डिसेबल पैदा होता है तो उस व्यक्ति को एक और बच्चा पैदा करने की छूट दी जाती है।
इस कानून में ये भी व्यस्था है की अगर इसी व्यक्ति का नसबंदी कानून अगर फेल हो जाता है तो ऐसे व्यक्ति को 50 हज़ार का मुआवजा राज्य सरकार देगी।
कानून लागू होने से पहले अगर 2 से ज्यादा बच्चे हैं तो?
कानून लागू होने से पहले अगर किसी के दो से ज्यादा बच्चे है तो उस पर ये कानून लागू नहीं होगा और न ही उसे किसी सुविधा से वंचित रखा जाएगा।
1977 में संविधान संशोधन के बाद ये विषय राज्य सूची का विषय है और इस पर राज्य सरकार कानून बना सकती है। लोकसभा में 35 बार जनसंख्या नियंत्रण को लेकर अलग अलग पार्टियों ने बिल पेश किए, लेकिन अभी तक कोई बिल पारित नहीं हो सका। देश के किसी भी राज्य में इस बारे में कोई कानून नही है। कानून में व्यस्था कर रहे है कानून को प्रचार प्रसार के लिए। लोगों को गर्भ निरोधक गोलियां, कानून के फायदे लोगों तक पहुँचाये जाए। ये सरकार का फर्ज है।
इसको लागू करने के लिए एजेंसी बनेगी और सरकार इसे लागू कराएगी। किसी भी व्यक्ति पर बच्चे पैदा करने को लेकर कोई प्रतिबंध नही है। वो दो करे चार करे या पांच करे। प्रतिबंध केवल इतना होगा कि दो से ज्यादा बच्चा पैदा करने वाला व्यक्ति का राशन कार्ड केवल चार यूनिट तक ही होगा। वो व्यक्ति सरकारी नौकरी में आवेदन नही कर पायेगा, नगर निगम और पंचायत के चुनाव नही लड़ पायेगा। वो व्यक्ति किसी भी सरकारी स्किम का लाभ नही ले पायेगा।
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