नई दिल्ली। सभी पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के तुरंत बाद, इंडिया गठबंधन के दो घटक दलों, समाजवादी पार्टी (सपा) और कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्यारोप का खेल शुरू हो गया। सपा कांग्रेस पर उसके “अहंकार” और कमलनाथ के “अखिलेश-वखिलेश” तंज को लेकर आरोप लगा रही है, इससे पिछड़े वर्ग के मतदाता अपमानित […]
नई दिल्ली। सभी पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के तुरंत बाद, इंडिया गठबंधन के दो घटक दलों, समाजवादी पार्टी (सपा) और कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्यारोप का खेल शुरू हो गया। सपा कांग्रेस पर उसके “अहंकार” और कमलनाथ के “अखिलेश-वखिलेश” तंज को लेकर आरोप लगा रही है, इससे पिछड़े वर्ग के मतदाता अपमानित महसूस कर रहे हैं। वहीं उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि क्षेत्रीय दलों (सपा) के बारे में उनकी भाजपा की ‘बी टीम’ टिप्पणी सही हो गई है।
अजय राय ने कहा कि दूसरे राज्यों में चुनावी मैदान में उतरे क्षेत्रीय पार्टियां अब खुद देख सकती हैं कि उन्होंने भाजपा की ‘बी टीम’ के रूप में कैसे खेला, जो अंततः एकमात्र विजेता बनी। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी भले ही अपना खाता खोलने में विफल रही हो, लेकिन आंकड़ों से पता चलता है कि उसने कांग्रेस को नुकसान पहुंचाया, जो कि टाला जा सकता था। यदि दोनों दलों ने चुनाव लड़ने के लिए हाथ मिला लिया होता। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता इस बात के मानते हैं कि मध्य प्रदेश में 2018 की तुलना में पार्टी का वोट शेयर कम हुआ है और प्रत्याशियों का प्रदर्शन उम्मीद के मुताबिक नहीं रहा।
पूर्व सपा मंत्री ने कहा कि हमारा मुख्य उद्देश्य अब 2024 के आम चुनावों में भाजपा से मुकाबला करना है। पार्टी इंडिया गठबंधन के सदस्य के रूप में अपनी प्रतिबद्धता पर कायम रहेगी और यूपी में भाजपा को चुनौती देने के लिए सब कुछ करेगी। उन्होंने आगे कहा कि यह कांग्रेस ही थी जिसने सपा के साथ गठबंधन नहीं करने का फैसला किया। एमपी में कांग्रेस की हार के लिए समाजवादी पार्टी को जिम्मेदार ठहराना राज्य नेतृत्व का सरासर अहंकार है।