कोर्ट की सख्ती के बाद एक्शन के मूड में योगी सरकार, परमिशन दिखाओ वर्ना मंदिर-मस्जिद से उतारे जाएंगे लाउडस्पीकर

वरिष्ठ वकील मोतीलाल यादव ने याचिका दायर कर सरकार को मस्जिद, मंदिर, चर्च और गुरुद्वारों जैसे धर्मस्थलों से लाउडस्पीकर हटाने के लिए निर्देश जारी करने की गुहार लगाई थी. इस मामले पर इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ सुनवाई कर रही है. लखनऊ पीठ ने दिसंबर में सख्त रुख अपनाते हुए योगी सरकार पर सख्ती दिखाई थी. इसके बाद अब यूपी सरकार लाउडस्पीकर को लेकर सख्त हो गई है.

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कोर्ट की सख्ती के बाद एक्शन के मूड में योगी सरकार, परमिशन दिखाओ वर्ना मंदिर-मस्जिद से उतारे जाएंगे लाउडस्पीकर

Aanchal Pandey

  • January 7, 2018 4:27 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago

लखनऊ. लाउड स्पीकरों से होने वाले ध्वनि प्रदूषण को लेकर हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ के सख्त रुख के बाद यूपी में धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकरों को उतारने की तैयारी है. यूपी सरकार की तरफ से जारी आदेश के अनुसार, धार्मिक स्थलों पर बिना इजाजत लगाए गए लाउडस्पीकर हटाए जाएंगे. राज्य सरकार ने अदालत के आदेश का हवाला देते हुए सभी जिला प्रशासन को पत्र लिखा है. इसमें कहा गया कि सभी धार्मिक स्थलों को लाउडस्पीकर के लिए 15 जनवरी तक अनुमति लेनी होगी. इसके बाद भी बिना अनुमति लगाए गए लाउडस्पीकरों को हटा दिया जाएगा. जिला प्रशासन को इस मामले में 20 जनवरी तक रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है.

दरअसल इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने दिसंबर में धर्मस्थलों पर लगे लाउडस्पीकरों पर कड़ी नाराजगी जताते हुए सरकारी अधिकारियों को फटकार लगाई थी. ध्वनिप्रदूषण (रेग्यूलेशन एण्ड कंट्रोल) नियम- 2000 का पालन न कराने पर कोर्ट ने फटकार लगाई थी. कोर्ट ने इस मामले में संबंधित अधिकारियों को अलग-अलग हलफनामा दाखिल करने का भी आदेश दिया था. वरिष्ठ वकील मोतीलाल यादव ने याचिका दायर कर सरकार को मस्जिद, मंदिर, चर्च और गुरुद्वारों जैसे धर्मस्थलों से लाउडस्पीकर हटाने के लिए निर्देश जारी करने की गुहार लगाई थी.

इस याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस अब्दुल मोइन की खंडपीठ ने दिसंबर 2017 में बेहद सख्त लहजे सवाल किया था कि क्या अफसर बहरे हो गए हैं. कोर्ट ने कहा कि प्रमुख सचिव गृह, सिविल सेक्रेटेरियट और यूपी प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के चेयरमैन को छह हफ्ते के अंदर अलग-अलग हलफनामा देकर बताना होगा कि उन्होंने ध्वनि प्रदूषण रोकने के लिए क्या किया? जवाब दाखिल नहीं करने की स्थिति में अफसरों को 1 फरवरी 2018 को कोर्ट में पेश होना होगा.

कोर्ट ने इन बिंदुओं पर जवाब मांगा है-
क्या धर्मस्थलों पर लगाए गए लाउडस्पीकर के लिए प्रशासन से लिखित अनुमति ली गई है? अगर नहीं ली गई है तो इन लाउडस्पीकर को हटाने के लिए क्या कदम उठाए गए?
दिन-रात कभी भी शोर-शराबे के साथ निकाली जाने वाली धार्मिक यात्राओं, जुलूसों और बारात पर क्या कार्रवाई की गई?
बिना लिखित अनुमति के लाउडस्पीकर लगाने दिए जाने वाले अधिकारियों पर क्या ऐक्शन लिया गया?
जिनके पास लिखित अनुमति नहीं थी ऐसे कितने ऐसे लाउडस्पीकर को धर्मस्थलों से हटाया गया है?

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