नई दिल्लीः उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स ने हलाल सर्टिफिकेशन करने वाली कुल 9 कंपनियों को धारा 91 सीआरपीसी के तहत नोटिस भेजा है। इन सभी कंपनियों के नुमाइंदों को 7 दिन के अंदर जवाब देने के साथ एसटीएफ कार्यलय में पेश होने के लिए कहा गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक एसटीएफ कंपनी के ज़िम्मेदार […]
नई दिल्लीः उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स ने हलाल सर्टिफिकेशन करने वाली कुल 9 कंपनियों को धारा 91 सीआरपीसी के तहत नोटिस भेजा है। इन सभी कंपनियों के नुमाइंदों को 7 दिन के अंदर जवाब देने के साथ एसटीएफ कार्यलय में पेश होने के लिए कहा गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक एसटीएफ कंपनी के ज़िम्मेदार लोगों से पूछताछ करेगी और कागजात की जांच भी की जाएगी। अब इन सभी कंपनियों की मुसिबत बढ़ने वाली हैं क्योंकि लखनऊ पुलिस पहले ही मामले की एफआईआर दर्ज कर चुकी है। सीएम योगी के निर्देश के बाद जांच प्रक्रिया यूपी एसटीएफ को सौंपी गई है। एसटीएफ ने कुल 11 बिंदुओं पर जानकारी साझा करने को कहा है।
रिपोर्ट्स के अनुसार, एसटीएफ कंपनियों के मालिकों से कई जरूरी सवाल पूछ सकती है। उनसे पूछा जा सकता है कि हलाल का सर्टिफिकेट किन उत्पादों पर लगाया? यह सर्टिफिकेट किन – किन कंपनियों को दिया गया? हलाल से जुड़े सर्टिफिकेट जारी करने का अधिकार कौन दिया ? किस लैब या विशेषज्ञ से जांच करवाया गया ? उत्पाद की टेस्टिंग का आधार क्या है ? क्या शुल्क या किसी भी तरह का पैसा लिया ? शुल्क निर्धारण का आधार क्या है ? कौन सी संस्थाएं ऐसा सर्टिफिकेट दिया ? आप ये सर्टिफिकेशन का काम कितने समय से कर रहे हैं ? अब तक कितना पैसा कमाया, हर साल की कमाई की विवरण दें।
बता दें कि उत्तर प्रदेश सरकार ने अवैध रूप से ‘हलाल प्रमाणपत्र’ जारी करने के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए पिछले महीने निर्देश जारी कर हलाल सर्टिफिकेशन वाले खाद्य उत्पादों के उत्पादन, भंडारण, वितरण और बिक्री पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दिया था। इससे पहले मुस्लिम ग्राहकों को हलाल प्रमाण पत्र उपलब्ध कराकर बिक्री बढ़ाने के लिए लोगों की धार्मिक भावनाओं के साथ कथित रूप से खिलवाड़ करने को लेकर एक कंपनी और कुछ अन्य संगठनों के खिलाफ पुलिस ने मामला भी दर्ज किया था। लखनऊ के ऐशबाग में मोतीझील कॉलोनी के निवासी शैलेंद्र कुमार शर्मा की शिकायत पर हजरतगंज थाने में केस दर्ज हुआ था।