लखनऊ: सपा विधायक इरफान सोलंकी और उनके रिश्तेदारों के घर ED ने छापा मारा है। गुरुवार की सुबह-सुबह छह वाहनों से ED के अधिकारियों ने पहुंचकर जांच शुरू की। सभी लोगों के मोबाइल जब्त कर लिए गए हैं। वहीं इरफान सोलंकी इस वक्त महाराजगंज जेल में बंद हैं। उनके खिलाफ 14 मार्च को आगजनी और […]
लखनऊ: सपा विधायक इरफान सोलंकी और उनके रिश्तेदारों के घर ED ने छापा मारा है। गुरुवार की सुबह-सुबह छह वाहनों से ED के अधिकारियों ने पहुंचकर जांच शुरू की। सभी लोगों के मोबाइल जब्त कर लिए गए हैं। वहीं इरफान सोलंकी इस वक्त महाराजगंज जेल में बंद हैं। उनके खिलाफ 14 मार्च को आगजनी और आचार संहिता उल्लंघन के मुकदमे में निर्णय आना है।
बता दें सपा विधायक इरफान सोलंकी, उनके भाई रिजवान, अरशद और इरफान के पिता स्व. हाजी मुस्ताक के पुराने घर पर ED ने छापा मारा है। सुबह 6 बजे ईडी के अफसर अर्द्धसैनिक बल के साथ विधायक के घर पहुंचे. इरफान के घर की बालकनी पर महिला अर्द्धसैनिक बल तैनात किया गया है। सभी के मोबाइल फोन जब्त कर लिए गए. अर्द्धसैनिक बलों ने घर को घेर लिया है. किसी को भी अंदर या बाहर जाने की इजाजत नहीं है. जांच जारी है.
सपा विधायक इरफान सोलंकी समेत तीन लोगों पर आचार संहिता उल्लंघन के मामले का फैसला भी रमजान माह में आएगा। निर्णय नहीं लिया गया क्योंकि अभियोजन के उच्च न्यायालय में निगरानी अर्जी दाखिल की गई है। अदालत ने सुनवाई के लिए 14 मार्च की तारीख तय की। उसी दिन इरफान के खिलाफ आगजनी के मामले का फैसला भी आ सकता है।
विधानसभा चुनाव के दौरान 2 जनवरी 2017 को कर्नलगंज थाने के इंस्पेक्टर आनंद कुमार ने इरफान सोलंकी, बंटी सेंगर और रोहित वर्मा उर्फ मोंटी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी. इसमें बताया गया था कि ईदगाह कॉलोनी के ब्लॉक नंबर 26 में हैंडपंप खोदने का काम किया गया था। वहां लगे बैनर में लिखा था कि यह काम सपा विधायक इरफान सोलंकी द्वारा किया जा रहा है। इसी क्षेत्र में पार्क नंबर दो और कामता प्रसाद गुप्ता के घर के सामने दो और हैंडपंप लगवाए गए थे। चुनावी आचार संहिता का उल्लंघन कर मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए ऐसा किया गया। इस मामले पर सुनवाई एमपी-एमयूए कोर्ट में चल रही थी।
जिला शासकीय अधिवक्ता दिलीप अवस्थी ने बुधवार को जनकती थी कि अदालत में बहस के समय यह तथ्य संज्ञान में आया कि मुकदमे में एक साक्षी कामता प्रसाद गुप्ता भी है। FIR में इसका उल्लेख होने के बाद भी विवेचक ने उसे अभियोजन साक्षी नहीं बनाया है। इसलिए अभियोजन की तरफ से उसकी गवाही के लिए अर्जी दी गई थी। एमपी एमएलए सेशन कोर्ट से भी यह अर्जी खारिज होने के बाद उच्च न्यायालय में अर्जी लगाई गई है। एमपी एमएलए विचारण कोर्ट में अर्जी देकर इस बात से अवगत कराया गया तो अगली तारीख लगा दी गई। इरफान के अधिवक्ता शिवाकांत दीक्षित ने कहा कि उच्च न्यायालय में सिर्फ अर्जी दी गई है। उच्च न्यायालय ने इस बारे में कोई निर्देश जारी नहीं किये हैं। फिर भी अभियोजन निर्णय को विलंबित करना चाह रहा है।
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