नई दिल्लीः फर्जी कागजात पर नौकरी कर रहे 382 शिक्षकों को बर्खास्त किया जाएगा। यूपी एटीस ने जांच के दौरान दोषी पाए गए शिक्षकों को बर्खास्त करने के लिए 48 जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र लिखा है। इन सभी की जांच करीब पिछले तीन सालों से चल रही थी।
जानकारी दे दें कि करीब पांच साल से फर्जी कागजात बनाकर शिक्षक की नौकरी हासिल करने के मामले की जांच कर रही है। एसटीएफ के अनुमान के मुताबिक प्रदेश में इस तरह से करीब 50 हजार शिक्षक हैं, जिन्होंने दूसरे की मॉर्कशीट लगाकर नौकरी हासिल की जांच और वर्षों से काम कर रहे हैं। हाल ही में एसटीएफ ने ऐसे 382 शिक्षकों के खिलाफ जांच पूरी कर उनको बर्खास्त करने की पैरवी की है। इनमें सार्वाधिक 52 शिक्षक देवरिया के है। इसके अलावा मथुरा के 43, सिद्धार्थनगर के 29 शिक्षक हैं।
एसटीएफ के सूत्रों के अनुसार ये भर्तियां साल 2006 से 2016 के बीच हुई थी। एसटीएफ और जिला पुलिस की जांच के बाद देवरिया में बीते दिनों 85 शिक्षकों को बर्खास्त किया जा चुका है। अब एसटीएफ मुख्यालय यह पता लगाने का प्रयास कर रहा है कि किस तरह जालसाजों ने सरकारी सिस्टम को धता बताकर फर्जी के आधार पर नौकरी हासिल की थी। इसके लिए बेसिक शिक्षा विभाग के डाटाबेस की गहनता से जांच जारी है।
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