बागपत के बाबू खान को कांवड़ लाने की सजा मिल रही है. वह हरिद्वार से कांवड़ लाया था लेकिन कुछ युवाओं को रास नहीं आया और अपने धर्म का हवाला देते हुए उसे पीट डाला. मामले की एफआईआर दर्ज कराई गई है. शहर काजी का कहना है कि दोनों पक्षों को बिठाकर आपस में सुलह कराई जाएगी.
बागपत. इस साल सावन के महीने में कांवड़ को लेकर कई जगह से सकारात्म खबरें आईं इनमें एक खबर यह भी रही कि मुस्लिमों का जत्था कांवड़ लेने हरिद्वार गया. अब एक ऐसा ही मामला सामने आया है जब हिंदू-मुस्लिम एकता के गवाह बने बाबू खान को अपने ही समाज के लोगों द्वारा की जा रही उपेक्षा का शिकार होना पड़ रहा है. कांवड़ लेकर आए बाबूखान को मजहब का हवाला देते हुए मस्जिद से बाहर खदेड़ दिया गया. बाबूखान ने इस मामले की शिकायत कोतवाली में दर्ज कराई जिस पर पुलिस जांच में जुट गई है.
बागपत के रंछाड़ गांव निवासी बाबूखान हरिद्वार से कांवड़ लेकर आए थे. इसके बाद उन्होंने पुरा महादेव मंदिर में भोलेनाथ का जलाभिषेक किया. इसके बाद गांव के दो मंदिरों में भी उन्होंने जलाभिषेक किया. बाबूखान की इस पहल का अमन पसंद लोगों ने स्वागत किया तो वहीं कुछ लोगों को यह रास नहीं आया. इन लोगों ने मस्जिद में नमाज पढ़ने पहुंचे बाबूखान के आगे मजहब की दीवार खड़ी कर दिया.
शुक्रवार को नमाज पढ़ने मस्जिद पहुंचे बाबूखान का गांव के ही चार युवकों ने विरोध किया. इन युवकों ने पहले तो बाबूखान पर फब्तियां कसीं. इसके बाद वे हाथापाई पर उतर आए और मस्जिद से बाहर निकाल दिया. आरोपियों ने कहा कि जा अब मंदिर में ही घंटा बजा और कीर्तन कर. इसके बाद बाबूखान ने उनसे नमाज अदा करने देने की मनुहार भी लगाई लेकिन सब व्यर्थ रहा. आरोपियों ने धमकी दी कि जहां चाहे शिकायत कर ले लेकिन तुझे मस्जिद में नहीं घुसने दिया जाएगा. फिलहाल इस मामले की जांच चल रही है.
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