लखनऊ: उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने शुक्रवार को 69 हजार शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में बड़ा फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने इस भर्ती की पूरी मेरिट लिस्ट को रद्द करने का आदेश दिया है और निर्देश दिए हैं कि तीन महीने के भीतर नई चयन सूची तैयार की जाए। इस नई सूची […]
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने शुक्रवार को 69 हजार शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में बड़ा फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने इस भर्ती की पूरी मेरिट लिस्ट को रद्द करने का आदेश दिया है और निर्देश दिए हैं कि तीन महीने के भीतर नई चयन सूची तैयार की जाए। इस नई सूची को तैयार करते समय बेसिक शिक्षा नियमावली और आरक्षण के नियमों का पूरी तरह पालन किया जाएगा। बता दें कि दिसंबर 2018 में जब यह मेरिट लिस्ट जारी की गई थी, तब से ही इस पर विवाद शुरू हो गया था। बता दें, अभ्यर्थियों ने भर्ती प्रक्रिया में गंभीर अव्यवस्था का आरोप लगाया था, जिसमें 19 हजार पदों पर आरक्षण में गड़बड़ी का मामला भी शामिल था।
उत्तर प्रदेश सरकार ने दिसंबर 2018 में 69,000 सहायक अध्यापकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू की थी, जिसके लिए जनवरी 2019 में परीक्षा आयोजित की गई थी। इस परीक्षा में लगभग 4.10 लाख अभ्यर्थियों ने हिस्सा लिया था, जिनमें से लगभग 1.40 लाख अभ्यर्थी सफल घोषित किए गए थे और मेरिट लिस्ट जारी कर दी गई थी। हालांकि, इस लिस्ट के जारी होते ही विवाद उठ खड़ा हुआ, क्योंकि आरक्षण के तहत जिन अभ्यर्थियों का चयन होना चाहिए था, उनके नाम लिस्ट में नहीं थे। इसके बाद अभ्यर्थियों ने न्याय की गुहार लगाते हुए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। अब हाईकोर्ट ने इस विवादित मेरिट लिस्ट को रद्द करते हुए नई सूची बनाने का आदेश दिया है।
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