लखनऊ: यूपी मदरसा एक्ट को लेकर SC ने आज यानि कि शुक्रवार को बड़ा फैसला दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने यूपी के 16000 मदरसों के 17 लाख छात्रों को बड़ी राहत देते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट के 22 मार्च को दिए फैसले पर रोक लगा दी है।
मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने इस मामले में फैसला सुनाते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट ने मदरसा एक्ट के प्रावधानों को समझने में भूल की है। हाई कोर्ट का ये मानना कि ये कानून धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत के खिलाफ है, यह गलत है। पीठ ने इस मामले में केंद्र सरकार और यूपी सरकार को नोटिस भी जारी किया है और 31 मई तक जवाब भी दाखिल करने के लिए कहा है।
मामले की सुनवाई के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा कि यह मदरसे खुद सरकार से मिलने वाले अनुदान से चल रहे हैं, और इन मदरसों में ज्यादातर गरीब परिवारों के बच्चे पढ़ रहे है। इसलिए अदालत को गरीब परिवारों के बच्चों के हित में ये याचिका खारिज कर देनी चाहिए।
बता दें कि यूपी में करीब 16 हजार मदरसे हैं, जिनमें 13.57 लाख छात्र पढ़ते हैं. मदरसों की कुल संख्या में से 560 अनुदानित मदरसे हैं, जिनमें 9,500 शिक्षक कार्यरत हैं। यूपी के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि मदरसा अजीजिया इजाजुतुल उलूम के प्रबंधक अंजुम कादरी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को चुनौती दी है, जिसकी सुनवाई शुक्रवार को होनी है. सरकार वहां अपना पक्ष रखेगी।
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