यूपी:

लखनऊ। राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष और मथुरा से पूर्व लोकसभा सांसद जयंत चौधरी राज्यसभा का चुनाव लड़ेंगे। वे समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल के साझा उम्मीदवार होंगे। इस बात की जानकारी सपा के ट्वीटर हैंडल ने आज दी है। बताया जा रहा है कि अब सपा की ओर पूर्व मुख्यमंत्री और पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव राज्यसभा नहीं जाएंगी।

कपिल सिब्बल ने भी भरा पर्चा

बता दें कि इससे पहले कल कपिल सिब्बल ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर राज्यसभा का पर्चा भरा। अब सिब्बल यूपी से सपा के समर्थन से राज्यसभा जाएंगे। सिब्बल के नामांकन के दौरान समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और महासचिव रामगोपाल यादव भी मौजूद रहे। गौरतलब है कि यूपी से इस बार समाजवादी पार्टी के तीन सदस्य राज्यसभा जाएंगे।

आजम को मनाने की कोशिश

बताया जा रहा है कि कपिल सिब्बल को राज्यसभा भेजकर अखिलेश यादव आजम खान की नाराजगी दूर करना चाहते है क्योंकि इससे पहले आजम ने ये कहा था कि अगर सिब्बल को सपा से राज्यसभा भेजा जाएगा तो उन्हे खुशी होगी। बता दें कि इससे पहले 2016 में कपिल सपा की मदद से कांग्रेस के उम्मीदवार को रूप में संसद के उच्च सदन में गए थे।

11वीं सीट के लिए अहम लड़ाई

गौरतलब है कि विधानसभा में मुख्य विपक्षी दल सपा गठबंधन के विधायकों की कुल संख्या 125 है और राज्यसभा की एक सीट के लिए कम से कम 37 विधायकों का वोट जरूरी है। इसके हिसाब से समाजवादी पार्टी 3 सीटों पर आराम से जीत डार्क कर लेगी, जबकि बीजेपी अपने सदस्यों की संख्या के अनुसार 7 सीटें जीतेगी जिसके बाद बीजेपी गठबंधन के 14 वोट बचेंगे वहीं सपा के पास भी 14 वोट अतिरिक्त होंगे ऐसे में मुकाबला दोनों ही दलों के बीच होगा और जो भी दल सेंधमारी करने में सफल रहेगा जीत उसी की होगी, यानी 11वीं सीट उसी को मिलेगी।

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