लखनऊ: यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट इनवेस्टर्स समिट में हुई सजावट में घपला हुआ है. एक अखबार की खबर के मुताबिक हर डिपार्टमेंट में न केवल सिर्फ बाजार की कीमत से अधिक दरों पर भुगतान किया, बल्कि सरकारी धन का भी गबन होने का बात सामने आई है. जांच रिपोर्ट के मुताबिक सरकार को कुल मिलाकर 85 लाख 54 हजार 26 रुपये का नुकसान झेलना पड़ा है.
जांच रिपोर्ट में तत्कालीन उद्यान अधीक्षक धर्मपाल यादव और प्रभारी उद्यान संजय राठी का नाम सामने आया है. साथ ही रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार को इतना नुकसान झेलना पड़ा इस बात का सही अनुमान अब नहीं लगाया जा सकता है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि 19 फरवरी से 25 फरवरी तक परिवहन में रोज 125 वाहन लगाए गए. रिकॉर्ड के मुताबिक हर वाहन को रोजाना 23 घंटे चलाया गया. रिकॉर्ड के मुताबिक हर वाहन ने रोजाना 479 किलोमीटर दूरी तय की. समिति ने अपनी जांच में पाया कि वाहनों का 24 घंटो में से औसतन 23 घंटे कार्य करना व्यावहारिक रूप से संभव नहीं है. काम करने के 7 दिन 125 वहानों का रोजाना इस्तेमाल होना स्वीकार करने योग्य नहीं है. अगर 125 से अधिक वाहन लगाए जाते तो अतिरिक्त घंटे और अतिरिक्त किलोमीटर की दरों से बचा जा सकता था.
जांच रिपोर्ट में तत्कालीन उद्यान अधीक्षक और प्रभारी के गमन का ब्यौरा….
गमला परिवहन-10,00,000 रुपये
गमला सजाना-80,000 रुपये
सीमेंट गमला खरीद/गमला पेंट-5,03,200 रुपये
गमला तैयारी-1,12,000 रुपये
टेराकोटा पेंट-1,93,150 रुपये
टेराकोटा बर्जर खरीद-98,600 रुपये
जड़ के आकार के गमला खरीद-98,600 रुपये
जड़ के आकार के गमला खऱीद-89,100 रुपये
पौधा खरीद- 54,56,850 रुपये
सिरेमिक मिट्टी गमला खरीद-9,18,075 रुपये
गबन-1,03,051 रुपये
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