उत्तरप्रदेश। वर्ष 2020 में कोरोना की शुरुआत में केंद्र सरकार ने बहुत बड़ी संख्या में राशन कार्ड जारी किए थे। इन राशन कार्ड के जरिए लोगों को राशन, अनाज, तेल, चीनी आदि उपलब्ध करवाए गए थे। इस बीच राशन कार्ड को लेकर यूपी में एक अलग ही हलचल लोगो के बीच है। दरअसल, लोग इस बात से डरे हुए हैं कि कही प्रशासन उनके द्वारा बनाए गए अपात्र राशन कार्ड के बदले उनसे वसूली न करलें। इसलिए लोग भारी संख्या में तहसील पहुचकर अपना कार्ड सरेंडर करवा रहे है। इस बीच राशन कार्ड सरेंडर करने या पात्रों से रिकवरी करने के मामले पर उत्तर प्रदेश सरकार ने स्पष्टीकरण जारी किया है।
खाद एवं रसद आयुक्त सौरव बाबू ने कहा कि राशन कार्ड सरेंडर करने का कोई आदेश प्रशासन द्वारा जारी नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि राशन कार्ड सत्यापन एक सामान्य प्रक्रिया है और न तो कोई राशन कार्ड निरस्त होगा न ही वसूली के लिए कोई आदेश जारी हुआ है। 1 अप्रैल 2020 से अब तक प्रदेश में कुल 29,53,000 नए राशन कार्ड विभाग द्वारा पात्र लाभार्थियों को जारी किए गए हैं।
इन दिनों पात्रों से राशन कार्ड सेरेंडर कराए जाने को लेकर प्रदेश भर में हलचल है। विभिन्न जिलों में जिला अधिकारियों ने आदेश जारी कर दिए हैं कि जो अपात्र हैं वह अपने राशन कार्ड तहसील में जाकर सरेंडर कर दें ऐसा न करने की स्थिति में उनसे वसूली भी हो सकती है। इसका परिणाम यह हुआ कि राशन कार्ड सरेंडर करने की होड़ मच गई और लोग इसको लेकर टेंशन में आने लगे। केवल अप्रैल माह में ही 43000 लोगों ने अपने राशन कार्ड सरेंडर कर दिए। मार्च में आंकड़ा इससे भी पार जाने की स्थिति है।
रविवार को इस मामले में खाद आयुक्त ने स्पष्टीकरण जारी किया है। उन्होंने कहा कि यह बात पूरी तरह से आधारहीन है। प्रदेश में राशन कार्ड सरेंडर करने अथवा उनके निरस्तीकरण के संबंध में कोई भी नया आदेश प्रशासन द्वारा जारी नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि राशन कार्ड सरेंडर करने और पात्रता की नई शर्तों के संबंध में आधारहीन प्रचार हो रहा है, लेकिन सत्य तो यह है कि पात्र गृहस्थी राशनकार्डों की पात्रता या अपात्रता के संबंध में 7 अक्टूबर 2014 के शासनादेश के मानक निर्धारित किए गए थे जिसमें वर्तमान में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है। उन्होंने ये भी स्पष्ट किया कि सरकारी योजनातर्गत आवंटित पक्का मकान, विद्युत कनेक्शन, एकमात्र शस्त्र लाइसेंस धारक , मोटरसाइकिल स्वामी, मुर्गी पालन या गौ पालन होने के आधार पर किसी भी कार्ड धारक को अपात्र घोषित नहीं किया जा सकता है।
खाद्य आयुक्त के मुताबिक राष्ट्रीय खाद सुरक्षा अधिनियम 2013 तथा प्रचलित शासनादेश में अपात्र कार्ड धारकों से वसूली जैसी कोई व्यवस्था निर्धारित नहीं की गई है। इस बारे में शासन स्तर से या खाद्य आयुक्त कार्यालय से कोई भी निर्देश जारी नहीं किया गया है। उल्लेखनीय है कि विभाग सदैव पात्र कार्ड धारकों को नियमानुसार उनकी पात्रा के अनुरूप नवीन राशन कार्ड जारी करता है। एक अप्रैल 2020 से अब तक प्रदेश में कुल 29,53,000 नए राशन कार्ड विभाग द्वारा पात्र लाभार्थी को जारी किए गए हैं।
1- अगर आप आयकर दाता हो।
2- 100 वर्ग मीटर से अधिक का प्लांट मकान या फ्लैट हो।
3- जिनके पास दो पहिया वाहन ट्रैक्टर या हार्वेस्टर हो।
4- जिनके पास एयर कंडीशनर है. परिवार की आय गांव में ₹200000 और शहर में ₹300000 से अधिक है।
5- पांच किलोवाट क्षमता का जनरेटर हो। एक से अधिक सस्त्र लाइसेंस हो या फिर 5 एकड़ से अधिक सिंचित भूमि हो।
इन सब के बीच सवाल ये उठता है कि प्रदेश में राशन कार्ड सरेंडर को लेकर आखिरी यह भ्रम की स्थिति कैसे पैदा हो गई। दरअसल, विभिन्न जिलों में जिलाधिकारी ने पात्रों को राशन कार्ड सरेंडर करने और ना करने की स्थिति में रिकवरी कराने के आदेश जारी कर दिए। जिला में जगह-जगह मुनादी(डुग्गी बजाकर दी जानेवाली सूचना) तक कराई गई. मीडिया और सोशल मीडिया में यह मुद्दा जोरों से उठा. इसका परिणाम यह रहा कि भ्रामक सूचनाओं के आधार पर लोग अपना राशन कार्ड निरस्त कराने के लिए आपूर्ति कार्यालय के चक्कर काटने लगे। विपक्षी दल भी इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाने लगे जिसके बाद सरकार को इस बात पर स्पष्टीकरण जारी करना पड़ा।
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