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UP Election 2022: अयोध्या से आचार्य परमहंस निर्दलीय लड़ेंगे विधानसभा चुनाव, कहा- संतो, पुजारियों को मिलनी चाहिए सैलेरी

UP Election 2022   उत्तरप्रदेश . UP Election 2022 उत्तरप्रदेश में विधानसभा चुनाव के दिन नजदीक है. सभी पार्टियां चुनाव के लिए खूब जोर लगा रही है. वैसे तो यूपी चुनाव में रामराज और राम के नाम पर बड़ी सियासी घमासान देखने को मिलती, लेकिन इस बार कई नेता श्री कृष्ण को लेकर चुनावी दाव […]

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UP Election 2022: अयोध्या से आचार्य परमहंस निर्दलीय लड़ेंगे विधानसभा चुनाव, कहा- संतो, पुजारियों को मिलनी चाहिए सैलेरी
  • January 25, 2022 10:37 pm Asia/KolkataIST, Updated 3 years ago

UP Election 2022

 

उत्तरप्रदेश . UP Election 2022 उत्तरप्रदेश में विधानसभा चुनाव के दिन नजदीक है. सभी पार्टियां चुनाव के लिए खूब जोर लगा रही है. वैसे तो यूपी चुनाव में रामराज और राम के नाम पर बड़ी सियासी घमासान देखने को मिलती, लेकिन इस बार कई नेता श्री कृष्ण को लेकर चुनावी दाव खेल रहे है. इस बीच अयोध्या से एक संत को सियासत का बुखार चढ़ गया है और उन्होंने ऐलान किया कि वे इस बार अयोध्या से चुनाव लड़ेंगे। संत परमहंस दास ने कहा कि यूपी के सीएम जब अयोध्या से चुनाव नहीं लड़ रहे तो इस बार मैं विधानसभा का चुनाव लडूंगा और संतो के हित के मैं आवाज खड़ी करेंगे ।

नेशनल वोटर डे के उपलक्ष में देश की सियासत पर अपनी बयानबाजी से जाने वाले अयोध्या राम घाट स्थित तपस्वी जी की छावनी के महंत जगतगुरु आचार्य परमहंस दास ने तपस्वी छावनी में हवन पूजन कर साधु-संतो को मतदान का संकल्प दिलाया। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी को अयोध्या से समुचित प्रत्याशी नहीं मिल पा रहा है, इसलिए मैं खुद चुनाव लडूंगा और संत समाज के लोगों एक हित में कार्य करूंगा।

संतो को दिलवाएंगे तनख्वाह- संत परमहंस दास

इसके बाद उन्होंने कहा कि जब मौलवियों को सैलरी दी जा सकती है तो अयोध्या में संत समाज के लिए भी सैलेरी का प्रवधान होना चाहिए। संत परमहंस दास ने कहा कि हम संतो को 40,000 रुपए की तनख्वाह दिलवाएंगे और सभी मठ, मंदिरों की बिजली पानी भी मुफ्त होगी. उन्होंने कहा कि यदि बीजेपी उन्हें अपनी पार्टी से टिकट देती है तो वे पार्टी की तरफ से चुनाव लड़ेंगे,और अगर बीजेपी उनको अयोध्या से टिकट नहीं देती तो वह निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे. क्योंकि भगवान राम की नगरी में यहां का प्रतिनिधित्व संत समाज ही करेगा.

टिकट के लिए नहीं जाऊंगा पार्टी के पास

जगतगुरु आचार्य ने कहा कि मठ मंदिर और साधु-संतों के शहर का जनप्रतिनिधि संत ही होना चाहिए और यदि पार्टी टिकट देती है तो हम सभी मंदिरो के विकास के लिए कार्य करेंगे। उन्होंने कहा कि साधु संत भिक्षा मांग कर मंदिरों का संचालन कर रहे है, जो बिलकुल गलत है, संत समाज को जो सम्मान मिलना चाहिए वह तभी मिल पाएगा जब उनके विचारधारा का कोई जनप्रतिनिधि संत समाज के बीच का होगा। आचार्य ने कहा कि पार्टी यदि खुद टिकट देती है तो मुझे स्वीकार है लेकिन में पार्टी के पास टिकट के लिए नहीं जाऊंगा।

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