भागवत ने योगी को नहीं दिया समय, बिना मिले लौट गये?

गोरखपुर/लखनऊ. लोकसभा चुनाव परिणाम आने के बाद दिल्ली में तीसरी बार नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बन गई है लेकिन गर्मजोशी नहीं दिखी. परिणाम आने के बाद जहां एक तरफ भाजपा और आरएसएस में मतभेद गहराता दिखा, वहीं दूसरी तरफ यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ पर तलवार लटकती दिखी. इसी बीच आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत […]

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भागवत ने योगी को नहीं दिया समय, बिना मिले लौट गये?

Vidya Shanker Tiwari

  • June 17, 2024 8:24 pm Asia/KolkataIST, Updated 5 months ago


गोरखपुर/लखनऊ
. लोकसभा चुनाव परिणाम आने के बाद दिल्ली में तीसरी बार नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बन गई है लेकिन गर्मजोशी नहीं दिखी. परिणाम आने के बाद जहां एक तरफ भाजपा और आरएसएस में मतभेद गहराता दिखा, वहीं दूसरी तरफ यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ पर तलवार लटकती दिखी. इसी बीच आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत योगी के शहर गोरखुपर पहुंचे और पांच दिन प्रवास किया लेकिन योगी के आग्रह के बावजूद दोनों नेताओं की मुलाकात नहीं हो पाई.

सीएम योगी पर लटकी तलवार

लोकसभा चुनाव परिणाम कुछ ऐसा रहा कि न तो विपक्ष ठीक से हंस पाया और न ही सत्ता पक्ष जश्न मना पाया. विपक्ष 234 पर सिमट गया तो सत्ता पक्ष की सबसे बड़ी पार्टी भाजपा 240 से आगे नहीं बढ़ पाई. चुनाव नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हुआ था लिहाजा वह पीएम बने लेकिन भाजपा जोश के साथ जश्न नहीं मना पाई. यूपी जो कि दिल्ली का रास्ता देता है, उसने भाजपी की राह रोक दी. अयोध्या सीट भी हाथ से चली गई, इसको लेकर सीएम योगी पर सवाल उठे, उनके बदले जाने की बातें होने लगी. शपथ ग्रहण समारोह में जिस तरह से बोझिल चेहरा लेकर योगी बैठे थे उससे भी यही संकेत मिले कि अंदर सब कुछ ठीक नहीं है.

योगी ने भागवत से दो बार मांगा समय?

इसी बीच आरएसएस के सर संघचालक मोहन भागवत बीते बुधवार को कार्यकर्ता विकास वर्ग के कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि गोरखपुर पहुंचे. सीएम योगी भी तीन दिन बाद शनिवार को अपने गृह जनपद पहुंचे और दो दिन तक रुके. खबर आई कि वह संघ प्रमुख मोहन भागवत से मिलेंगे. खबर है कि मुलाकात के लिए शनिवार को दो बार समय भी मांगा लेकिन समय नहीं मिला. उसके बाद सीएम योगी अपनी बीमार मां को देखने के लिए ऋषिकेश चले गये और संघ प्रमुख मोहन भागवत भी पांच दिन प्रवास कर लौट गये.

संघ प्रमुख ने योगी को नहीं दिया समय

माना जाता है कि 2017 में मोहन भागवत के हस्तक्षेप से योगी सीएम बने थे और एक साल का समय मांगा था. पहला टर्म पूरा करने के बाद योगी दूसरी बार सीएम बने हैं लेकिन लोकसभा चुनाव में जिस तरह से यूपी ने भाजपा को हराया उसके बाद योगी की कुर्सी खतरे में पड़ गई है. माना जा रहा था कि सीएम योगी संघ प्रमुख से मिलकर अपनी स्थिति मजबूत करने की कोशिश करेंगे लेकिन संघ प्रमुख ने ये मौका दिया ही नहीं. इसके बाद सवाल उठना लाजिमी है कि क्या अंदरखाने सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. आखिर मोहन भागवत ने योगी को भाव क्यों नहीं दिया?
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