UP Bypoll 2023: सियासी रण की तैयारी, यूपी में जल्द हो सकते है इन दो सीटों पर उपचुनाव

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में एक बार फिर से दो सीटों पर उपचुनाव की स्थिति बन गई है। जिसके बाद एक बार फिर से मैदान में बीजेपी और समाजवादी पार्टी के बीच जबरदस्त घमासान देखने को मिलेगा। राज्य में रामपुर स्थित स्वार और मिर्जापुर स्थित छानबे सीट पर उपचुनाव होगा। बता दें, बीते दिनों छानबे विधानसभा […]

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UP Bypoll 2023: सियासी रण की तैयारी, यूपी में जल्द हो सकते है इन दो सीटों पर उपचुनाव

Tamanna Sharma

  • February 16, 2023 9:55 am Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में एक बार फिर से दो सीटों पर उपचुनाव की स्थिति बन गई है। जिसके बाद एक बार फिर से मैदान में बीजेपी और समाजवादी पार्टी के बीच जबरदस्त घमासान देखने को मिलेगा। राज्य में रामपुर स्थित स्वार और मिर्जापुर स्थित छानबे सीट पर उपचुनाव होगा। बता दें, बीते दिनों छानबे विधानसभा सीट से विधायक राहुल प्रकाश कोल का निधन हो गया था और वे बीजेपी गठबंधन के अपना दल एस से विधायक थे। इन सब के अलावा आजम खान के बेटे और सपा के विधायक मोहम्मद अब्दुल्ला आजम को सदन की सदस्यता से अयोग्य घोषित किया गया है।

इसके साथ ही उनकी रामपुर जिले की स्वार सीट भी अब रिक्त हो गई है। अब ऐसे में यूपी की स्वार और छानबे विधानसभा सीट पर उपचुनाव होने वाले है। गौरतलब है कि पहले एक सीट पर बीजेपी गठबंधन और दूसरी सीट पर सपा गठबंधन का कब्जा बना हुआ था।

दोनों सीटों पर अपना दल के प्रत्याशी

ऐसे में आसार जताए जा रहे हैं कि छानबे विधानसभा सीट पर बीजेपी गठबंधन से फिर अपना दल एस के खाते में जाएगी। अपना दल इस सीट पर उपचुनाव के एलान के बाद फिर से उम्मीदवार उतारेंगे। जबकि स्वार विधानसभा सीट पर बीजेपी और सपा के बीच सीधी लड़ाई देखने को मिलेगी। इस सीट पर सपा गठबंधन से उम्मीदवार मैदान में होने की संभावना जताई जा रही है क्योंकि अब्दुल्ला आजम सपा के टिकट पर विधायक बने हुए थे।

बता दें कि छानबे विधानसभा सीट से अपना दल एस के राहुल प्रकाश कोल 2017 से विधायक थे।लेकिन बीते लंबे वक्त से कैंसर की बीमारी से जूझ रहे थे , विधायक का मुंबई के एक अस्पताल में ही निधन हो गया था। जिसके बाद से ही ये सीट अब तक खाली है। तो वहीं स्वार विधानसभा सीट से चुनाव के दौरान अपना दल एस ने उम्मीदवार उतारा था और तब इस चुनाव में सपा के टिकट पर अब्दुल्ला आजम ने करीब 61 हजार वोटों के अंतर से अपनी जीत दर्ज की थी। हालांकि अब उन्हें दो साल की सजा होने के बाद विधायक की सदस्यता उनके हाथों से चली गई है।

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