नई दिल्ली. आधार कार्ड की 13 फीट मोटी दीवार के पीछे सेफ डाटा की असलियत सोशल मीडिया पर सक्रिय हैकर्स और एक्सपर्ट जनता ने टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया यानी ट्राई के चेयरमैन रामसेवक शर्मा के आधार कार्ड चैलेंज पर उनका जन्मदिन, मोबाइल नंबर और घर का पता तक सोशल मीडिया पर डालकर सामने ला दिया है.
टीआरएआई चेयरमैन रामसेवक शर्मा ने ट्वीटर पर अपना आधार नंबर डालकर चैलेंज किया था कि क्या बिगाड़ सकते हो, बिगाड़ लो. इसके बाद ट्विटर पर किसी ने उनका मोबाइल नंबर छाप दिया तो किसी ने ई-मेल आईडी तो किसी ने उनके घर का पता, बर्थडे और अल्टरनेट मोबाइल नंबर. मतलब, आधार कार्ड का नंबर किसी के पास हो तो वो आपका बर्थडे, मोबाइल नंबर और ई-मेलआडी तक कोई चाहे तो निकाल सकता है.
कहानी क्या है और कैसे ये सब हुआ, ये बाद में बताएंगे. पहले ये समझिए कि बर्थडे और घर का पता या उसका पिन कोड या मोबाइल नंबर कितना अहम पर्सनल डाटा है. आपको जो पोस्ट मेड मोबाइल का बिल आता है उसका पासवर्ड आपके नाम का पहला चार कैरेक्टर और आगे चार कैरेक्टर आपके जन्मदिन यानी बर्थडे का तारीख और महीना होता है.
ट्विटर पर रामसेवक शर्मा के चैलेंज से उनका मोबाइल नंबर, उनका ई-मेल आईडी, उनके घर का पता, उनका जन्मदिन, उनका दूसरा मोबाइल नंबर, सब पब्लिक हो चुका है. इतना सामने आने के बाद भी वो कह रहे हैं कि इससे मेरा क्या बिगड़ेगा. ठीक बात है- उनका कुछ नहीं बिगड़ेगा. वो बड़े अधिकारी हैं. लेकिन पर्सनल डाटा के लीक होने का ही तो खतरा आधार को लेकर लोग बता रहे थे. पर्सनल डाटा क्या होता है. नाम, जन्मदिन, मोबाइल नंबर, घर का पता, पैन कार्ड का नंबर. रामसेवक शर्मा के चैलेंज पर ये सब ट्विटर पर किसी न किसी आदमी ने डाल दिया है. उनका सब कुछ जनता के सामने है.
अब कहानी सुनिए. उन्होंने एक वेबसाइट को इंटरव्यू दिया और आधार से जुड़ी तमाम जानकारियों और डाटा को सेफ बताते हुए कहा कि अगर तुम्हारे पास मेरा आधार नंबर है तो तुम मेरा क्या बिगाड़ सकते हो. इस इंटरव्यू पर कुछ लोगों ने उन्हें ट्विटर पर हूल दिया कि आप अपना आधार पब्लिक कर दो अगर आपको आधार की सेक्रेसी पर इतना ही भरोसा है.
हूल के चक्कर में ट्राई चेयरमैन रामसेवक शर्मा ने अपना आधार नंबर डालकर चैलेंज किया कि बताओ क्या बता सकते हो. फिर एक आदमी ने उनका मोबाइल नंबर बताया. दूसरे ने दूसरा मोबाइल नंबर, घर का पता, जन्मदिन बता दिया. तीसरे ने उनका पैन कार्ड का नंबर ब्लैक करके बता दिया कि ये भी चाहें तो पब्लिक हो सकता है.
पर्सनल डाटा में यही सब चीजें शामिल हैं जो ट्राई चेयरमैन रामसेवक शर्मा की इस समय ट्विटर पर जनता की अदालत में हैं. और इससे ये साफ हो गया है कि आधार कार्ड से जुड़े डाटा 13 फीट की दीवार के पीछे हों या उसके नीचे हों, वो सेफ नहीं हैं और कोई एक्सपर्ट उनको मिनटों में निकालकर आपके सामने ला सकता है.
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