नई दिल्ली: मई के महीने में ही गर्मी और तापमान ने पूरे उत्तर भारत का जीना दूभर कर दिया है. लेकिन संयुक्त राष्ट्र ने बुधवार को जो कहा है उससे आप भी मई महीने में कांप उठेंगे. दरअसल UN ने 17 मई को मौसम को लेकर चेतावनी जारी की है जिसके अनुसार अगले पांच साल […]
नई दिल्ली: मई के महीने में ही गर्मी और तापमान ने पूरे उत्तर भारत का जीना दूभर कर दिया है. लेकिन संयुक्त राष्ट्र ने बुधवार को जो कहा है उससे आप भी मई महीने में कांप उठेंगे. दरअसल UN ने 17 मई को मौसम को लेकर चेतावनी जारी की है जिसके अनुसार अगले पांच साल के अंदर दुनिया भर में भयंकर गर्मी पड़ेगी. अगले पांच साल पूरी दुनिया के लिए अब तक के सबसे भयंकर साल भी हो सकते हैं.
UN ने बताया है कि ग्रीनहाउस गैसें और अल नीनो मिलकर दुनिया का तापमान बढ़ा रही हैं. वर्ल्ड मेट्रोलॉजिकल ऑर्गेनाइजेशन के अनुसार पेरिस जलवायु समझौते में जो ग्लोबल टेम्परेचर्स सेट किया गया था ये उसके पार जाने वाला है. ऐसे में आने वाले समय में दुनिया भर के देशों में गर्मी और तापमान और भी बढ़ने वाला है. एक समाचार एजेंसी के अनुसार 2015-2022 के साल का तापमान अब तक पूरी दुनिया के लिए सबसे गर्म साल रहे हैं. दूसरी ओर यूएन वेदर एजेंसी ने चेतावनी दी है कि क्लाइमेट चेंज में तेजी की वजह से ये आंकड़े बदल सकते हैं. आने वाले कुछ साल में तापमान में बढ़ोतरी की संभावना है.
वर्ल्ड मेट्रोलॉजिकल ऑर्गेनाइजेशन की मानें तो इस बात की 98 फीसदी संभावना है कि अगले पांच साल के अंदर पूरी दुनिया भयंकर गर्मी का सामना करेगी. ये किसी खतरे की घंटी से कम नहीं है क्योंकि डब्ल्यूएमओ बता चुकी है कि 2023-27 के बीच एनुअल ग्लोबल सरफेस का तापमान 1.5 C होने की 66 प्रतिशत संभावना है. आने वाले पांच साल में हर साल के लिए 1.1C से 1.8C का लिमिट रखा गया है. हम टेम्परेरी बेसिस पर 1.5C के स्तर को पार कर जाएंगे.
जानकारी के अनुसार आने वाले दिनों में अल नीनो के बनने की भी प्रबल संभावना है. मानव-प्रेरित जलवायु परिवर्तन के साथ मिलकर ये वैश्विक तापमान को अज्ञात क्षेत्र में धकेल देगा जिससे हेल्थ, फूड सिक्योरिटी, वाटर मैनेजमेंट और एनवायरनमेंट पर गहरा प्रभाव पड़ेगा. बता दें, अल नीनो प्रशांत महासागर में होने वाला मौसमी बदलाव है. ऐसे में पूरी दुनिया के लिए मौसम कभी भी बदल सकता है. जिससे बेमौसम बारिश, प्रचंड गर्मी भयानक सर्दी उत्पन्न होने की भी आशंका है.
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