उन्नाव के हाईप्रोफाइल गैंगरेप मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई है. इस मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए योगी सरकार की सिफारिश पर पीएमओ के दखल के बाद तत्काल जांच की मंजूरी मिल गई है. आमतौर पर किसी भी मामले की जांच को सीबीआई के सुपुर्द करने में समय लगता है.
नई दिल्ली. उन्नाव गैंगरेप मामले में उत्तर प्रदेश की बांगरमऊ विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक की गिरफ्तारी को लेकर राज्य सरकार घिरी हुई है. योगी सरकार ने केंद्र सरकार से इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश की थी. योगी सरकार की इस मांग को मोदी सरकार ने मंजूर कर लिया है. इस केस में सीधे तौर पर प्रभावशाली विधायक पर आरोप हैं, ऐसे में सबूतों से छेड़छाड़ या उन्हें नष्ट किए जाने की आशंका थी.
समाचार एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से जानकारी दी है कि इस रेप केस में योगी सरकार ने केंद्र सरकार से सीबीआई (केंद्रीय जांच ब्यूरो) जांच कराने की सिफारिश की थी, जिसे केंद्र सरकार द्वारा मंजूर कर लिया गया है. आम तौर पर सीबीआई को केस सुपुर्द करने के लिए इंतजार करना पड़ता है लेकिन मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए पीएमओ ने संज्ञान लेकर तत्काल सीबीआई जांच का रास्ता साफ कर दिया है.
प्रभावशाली विधायक से संबंधित मामला होने के चलते सबूतों से छेड़छाड़ ना हो इसलिए डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनेल ऐंड ट्रेनिंग (डीओपीटी) मंत्रालय ने सीबीआई तत्काल जांच को हरी झंडी दी है. डीओपीटी की तरफ से गुरुवार देर शाम नोटिफिकेशन जारी किया गया है. इस मामले में पीड़िता के पिता की मौत के बाद विधायक पर कार्रवाई का दबाव बढ़ा है. युवती के पिता की हत्या किए जाने का आरोप कुलदीप सिंह सेंगर के भाई अतुल सिंह सेंगर पर लगा जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया है.
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