उन्नाव रेप केस: बीजेपी विधायक कुलदीप सेंगर की मुश्किलें बढ़ीं, रेप की FIR दर्ज

बीजेपी विधायक कुलदीप सेंगर की मुसीबतें और बढ़ गई हैं. उन पर 363, 366, 376, 506 और पॉस्को एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है.

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उन्नाव रेप केस: बीजेपी विधायक कुलदीप सेंगर की मुश्किलें बढ़ीं, रेप की FIR दर्ज

Aanchal Pandey

  • April 12, 2018 1:30 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago

उन्नाव. उन्नाव रेप मामले में बीजेपी नेता कुलदीप सिंह सेंगर की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही हैं. उनपर धारा 363, 366, 376, 506 और पॉस्को एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है. एसआईटी की रिपोर्ट मुख्यमंत्री के सामने पेश किए जाने के बाद इस मामले में कई अधिकारियों पर भी गाज गिरी है. राज्य सरकार की ओर से बुधवार देर रात बताया गया कि पूरे मामले की जांच सीबीआई करेगी. इसमें पीड़िता के साथ दुष्कर्म करने और उसके पिता की हत्या करने का आरोप शामिल है. लापरवाही बरतने के आरोप में सफीपुर के सीओ कुंवर बहादुर सिंह को निलंबित कर दिया गया है.

पीड़िता के पिता के उपचार में लापरवाही पर उन्नाव के मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. डी के द्विवेदी व वरिष्ठ अधिकारी डॉ. प्रशांत उपाध्याय को भी निलंबित किया गया है. डॉ. मनोज, डॉ. जीपी सचान और डॉ. गौरव अग्रवाल के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए गए हैं. सरकार ने दुष्कर्म पीड़िता के परिवार को सुरक्षा देने का आश्वासन दिया है. मामले में दो चिकित्सकों व एक सीओ को निलंबित कर दिया गया है. मामले में गठित एसआईटी की जांच में भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को मारपीट की साजिश रचने का आरोपी बताया गया है. वहीं विधायक के भाई अतुल सिंह को पीड़िता के पिता के साथ मारपीट करने का दोषी पाया गया है.

गौरतलब है कि लखनऊ जोन के एडीजी राजीव कृष्ण ने अपनी रिपोर्ट देर रात प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार को सौंपी. अरविंद कुमार ने यह रिपोर्ट मुख्यमंत्री के सामने प्रस्तुत की. इसके बाद कई अधिकारियों को निलंबित करने का फरमान जारी कर दिया गया. राजीव कृष्ण के नेतृत्व में गठित एसआईटी की प्रारंभिक रिपोर्ट में विधायक और दुष्कर्म पीड़िता के परिवारों के बीच पुरानी रंजिश की भी बात सामने आई है. एसआईटी ने पूरे प्रकरण की विस्तृत जांच का भी सुझाव दिया है और उन्नाव पुलिस को भी मामले में दोषी माना है.

गौरतलब है कि उन्नाव रेप कांड की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने डीजीपी से 24 घंटे के भीतर रिपोर्ट तलब की थी. इसके मद्देनजर डीजीपी ने एसआईटी गठित कर उन्नाव भेजा था. यह टीम बुधवार को उन्नाव के माखी थाना क्षेत्र में स्थित पीड़िता के घर पहुंची. वहां दो घंटे से भी ज्यादा समय तक पीड़िता व उसके परिजनों से बात की. विधायक पक्ष के भी पांच लोगों से पूछताछ की गई. एसआईटी ने उन्नाव के डीएम व एसपी से मामले की अलग-अलग जानकारी ली.

इधर, अपने ऊपर सरकार की ओर से बढ़ते दबाव को देखते हुए आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर ने भी लखनऊ में देर रात अपने समर्थकों के साथ जमकर हंगामा किया. देर रात अचानक वह अपने समर्थकों के साथ एसएसपी कार्यालय पहुंच गए. पहले पुलिस को यह बताया गया कि विधायक आत्मसमर्पण करने आए हैं, लेकिन बाद में विधायक खुद ही इस बात से पलट गए. एसएसपी कार्यालय के बाहर बुधवार देर रात पत्रकारों से बातचीत के दौरान कुलदीप सिंह सेंगर ने कहा कि वह आत्मसमर्पण करने नहीं बल्कि पुलिस को यह बताने आए थे कि वह भगोड़ा नहीं हैं. वह हर जांच के लिए तैयार हैं.

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