नई दिल्ली: मंकीपॉक्स के मामले दुनिया भर में तेजी से बढ़ रहे हैं। इसी हफ्ते इजराइल में भी मंकीपॉक्स के केस की पुष्टि हुई थी। वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन के मुताबिक दुनिया के 20 देशों में अब तक 100 से ज्यादा मंकीपॉक्स के केस मिल चुके हैं। यूएई में मंगलवार को मंकीपॉक्स का पहला केस मिला। […]
नई दिल्ली: मंकीपॉक्स के मामले दुनिया भर में तेजी से बढ़ रहे हैं। इसी हफ्ते इजराइल में भी मंकीपॉक्स के केस की पुष्टि हुई थी। वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन के मुताबिक दुनिया के 20 देशों में अब तक 100 से ज्यादा मंकीपॉक्स के केस मिल चुके हैं। यूएई में मंगलवार को मंकीपॉक्स का पहला केस मिला। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक पश्चिमी अफ्रीका से आई महिला में मंकीपॉक्स की पुष्टि हुई है। हालांकि यूएई के स्वास्थ्य प्रशासन की ओर से मरीज के बारे में ज्यादा जानकारी अभी साझा नहीं की गई है। लेकिन प्रशासन की ओर से बताया गया है कि संक्रमित महिला के कांटेक्ट की जांच की जा रही है। इसके अलावा सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं जो मंकीपॉक्स के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए जरूरी हैं।
मंकीपॉक्स के मामले पहले सिर्फ मध्य और पश्चिमी अफ्रीका में ही लोगों में देखे जाते रहे हैं लेकिन अब ब्रिटेन, स्पेन , पुर्तगाल , इटली , यूएसए, स्वीडन और कनाडा में भी संक्रमण की पुष्टि हुई है। यहां ज्यादातर मामले युवाओं में मिले हैं ।खास बात यह है कि इनमें से ज्यादा ने अफ्रीका की यात्रा नहीं की है। इसी हफ्ते इजराइल में भी मंकीबॉक्स के केस की पुष्टि हुई थी।
बता दें ये वायरस प्राईमेट्स और अन्य जंगली जानवरों से उत्पन्न होता है। इससे संक्रमित मरीजों में बुखार ,शरीर में दर्द, ठंड लगना और थकान जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं। वहीं गंभीर मामलों में मरीजों के चेहरे हाथों और शरीर के अन्य हिस्सों पर चकत्ते और घाव भी हो सकते हैं।
मंकीपॉक्स एक ऑर्थोपॉक्सवायरस है जो चेचक के समान तो है लेकिन उससे कम गंभीर है। ये वायरस पॉक्सविरिडे फैमिली के ऑर्थोपॉक्सवायरस जीन से संबंधित है।