नई दिल्ली. केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री सत्यपाल सिंह ने न्यूटन के ‘लॉ ऑफ मोशन’ थ्योरी (गति के नियम सिद्धांत) को चैलेंज किया है. इससे पहले उन्होंने डार्विन के विकासवाद सिद्धांत को चैलेंज किया था. सत्यपाल सिंह ने दावा किया कि न्यूटन से काफी पहले ही भारतीय मंत्रों में ‘गति के नियम’ को डीकोड किया जा चुका था. इसके पहले उन्होंने डार्विन के विकासवाद के इस सिद्धांत को गलत बताया था बंदर असल में मनुष्यों के पूर्वज हैं.
जूनियर मानव संसाधन विकास सत्यपाल सिंह ने सरकार के उच्चतम सलाहकार निकाय की 15 और 16 जनवरी की बैठक में कहा कि ऐसे मंत्र हैं जो न्यूटन द्वारा खोजे जाने से पहले ‘गति के कानून’ को संहिताबद्ध थे इसलिए, यह आवश्यक है कि परंपरागत ज्ञान हमारे पाठ्यक्रम में शामिल किया जाना चाहिए. इस बैठक में कई केंद्रीय मंत्री और राज्यों के शिक्षा मंत्री भी शामिल थे. इस दौरान सत्यपाल सिंह ने यह भी कहा कि स्कूल-कॉलेजों का निर्माण भी वास्तु के हिसाब से कराने की सलाह दी है. उन्होंने अध्ययन-अध्यापन के लिए इसे महत्वपूर्ण बताया है.
आपको बता दें कि इससे पहले सत्यपाल सिंह ने कहा था कि इंसानों के विकास संबंधी चार्ल्स डार्विन का सिद्धांत वैज्ञानिक रूप से गलत है. इस नियम को पाठ्यक्रम में बदलने की जरूरत है. इंसान जब से पृथ्वी पर देखा गया है, हमेशा इंसान ही रहा है. सत्यपाल सिंह कोई कम पढ़-लिखे व्यक्ति नहीं हैं. वह पूर्व आईपीएस हैं और मुंबई के पुलिस कमिश्नर जैसे पद पर रह चुके हैं.
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