नई दिल्ली : संसद के बजट सत्र के दौरान लोकसभा में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री ने जानकारी दी कि देश में गैरकानूनी गतिविधि अधिनियम के तहत 23 आतंकवादियों की पहचान की गई है. इन आतंकवादियों की पहचान 2022 से लेकर अब तक इस अधिनियम के तहत की गई है. इसके अलावा उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ […]
नई दिल्ली : संसद के बजट सत्र के दौरान लोकसभा में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री ने जानकारी दी कि देश में गैरकानूनी गतिविधि अधिनियम के तहत 23 आतंकवादियों की पहचान की गई है. इन आतंकवादियों की पहचान 2022 से लेकर अब तक इस अधिनियम के तहत की गई है. इसके अलावा उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में नक्सली हिंसा में 2018 से लेकर फरवरी 2023 तक कुल 175 सुरक्षा बल के जवान शहीद हुए है. वहीं छत्तीसगढ़ में 328 नक्सली मारे गए और 345 नागरिकों की जान चली गई. इन सब बातों की जानकारी मंगलवार को नित्यानंद राय ने लोकसभा में दीं.
छत्तीसगढ़ में अभी 14 जिले नक्सल प्रभावित है. इन जिलों में 50 हजार से अधिक जवान तैनात रहते हैं. अगर हम 2011 से लेकर 2020 तक की बात करे तो 3 हजार से अधिक नक्सली हमले हुए है और इसमें 489 जवान शहीद हुए है.
नक्सल प्रभावित इलाकों में नक्सली समस्या से निपटने के लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकार समय-समय पर ऑपरेशन चलाती रहती है. इस इलाकों में कोई भी परियोजना को पूरा कराना सरकार के लिए चुनौती रहती है. इन इलाकों में हजारों से अधिक मोबाइल टॉवर लगाए जा चुके है. इसी के साथ कई किलोमीटर तक सड़क बनाई जा चुकी है. नक्सलियों को समाप्त करने के लिए सरकार ने ‘समाधान’ नामक 8 सूत्री कार्यक्रम चलाया था. इसके तहत केंद्र और राज्य सरकार इनसे लड़ने के लिए रणनीतियों और कार्ययोजनाओं पर जोर दिया गया है.
आपको बता दें कि झारखंड, छत्तीसगढ़ बिहार और ओड़िशा को सबसे ज्यादा नक्सल प्रभावित राज्यों की श्रेणी में रखा गया है. पिछले कुछ दशकों में नक्सली हिंसा में कमी आई है. अभी भी भारत में 80 से अधिक नक्सली जिले है जो 11 राज्यों में फैले हुए है.
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