नई दिल्ली। वर्तमान में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ब्यूरोक्रेसी से काफी खफा नज़र आ रहे हैं। ब्यूरोक्रेसी के द्वारा नितिन गडकरी की मंजूरी के बिना ही फैसले लेने को लेकर गडकरी ने एक पत्र लिखकर स्पष्ट उल्लेख किया है कि, कोई भी फैसला उनकी मंजूरी के बिना जारी नहीं किया जाएगा तथा […]
नई दिल्ली। वर्तमान में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ब्यूरोक्रेसी से काफी खफा नज़र आ रहे हैं। ब्यूरोक्रेसी के द्वारा नितिन गडकरी की मंजूरी के बिना ही फैसले लेने को लेकर गडकरी ने एक पत्र लिखकर स्पष्ट उल्लेख किया है कि, कोई भी फैसला उनकी मंजूरी के बिना जारी नहीं किया जाएगा तथा उनकी मंजूरी के बिना लिए गए तमाम फैसलों की जानकारी भी उपलब्ध करवाने के आदेश दिए हैं।
सड़क परिवहन व राजमार्ग विभाग के मंत्री नितिन गडकरी ब्यूरोक्रेसी से नाराज़ हो गए हैं, बिना उनकी आज्ञा लिए नीतिगत फैसलों को मंजूरी देने को लेकर उन्होने यह रुख अपनाया है। इस मामले को लेकर नितिन गडकरी ने एक पत्र लिखा है जिसमें स्पष्ट उल्लेख किया है की बिना उनकी मंजूरी के की भी नीतिगत फैसले नहीं लिए जाएंगे। इसके अलावा गडकरी ने पिछले सभी फैसलों की जनकारी मंत्रालय के सचिव के माध्यम से अपने समक्ष उपलब्ध करवाने का आदेश भी दिया है।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने 14 दिसंबर को सड़क परिवहन मंत्रालय की सचिव एनएचएआई के चेयरमैन व एनएचएआईडीसीएल के एमडी को भी एक पत्र लिखा है। इस पत्र में तीन फरवरी 2022 को गड़करी द्रारा जारी आदेश का समस्त अधिकारियों को संज्ञान लेना है।
ताजा जारी पत्र में उन्होने लिखा है कि, सैंद्धांतिक रूप से सभी फैसले एवं निर्णय मंत्री के संज्ञान में लाए जाएंगे, इसके अलावा 2022 से पूर्व लिए गए महत्वपूर्ण नीतिगत फैसलों की जानकारी भी अविलंब उनको दी जाएगी।
हम आपको बता दें कि, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी विभागों एवं मंत्रालय की सुस्ती को बेहतर करने की कवायद में जुटे हैं। क्योंकि कोरोना संक्रमण के बाद से ही सड़कों के निर्माण कार्य अपने टारगेट से पीछे चल रहा है।