चेन्नई। यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर देश में गंभीर सियासी बहस जारी है. इस बीच तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और डीएमके प्रमुख एमके स्टालिन ने इस मुद्दे को लेकर अपना और अपनी पार्टी का रुख साफ किया है. सीएम स्टालिन ने यूसीसी का कड़ा विरोध करते हुए आज लॉ कमीशन को एक पत्र भेजा है. इस […]
चेन्नई। यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर देश में गंभीर सियासी बहस जारी है. इस बीच तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और डीएमके प्रमुख एमके स्टालिन ने इस मुद्दे को लेकर अपना और अपनी पार्टी का रुख साफ किया है. सीएम स्टालिन ने यूसीसी का कड़ा विरोध करते हुए आज लॉ कमीशन को एक पत्र भेजा है. इस पत्र में स्टालिन ने कहा है कि केंद्र द्वारा देश में समान नागरिक संहिता को लागू करने का कोई भी प्रयास अल्पसंख्यकों के धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप माना जाएगा. जो काफी चिंताजनक बात है.
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने लॉ कमीशन को लिखे अपने पत्र में कहा है कि केंद्र सरकार द्वारा यूनिफॉर्म सिविल को लागू करने का कोई भी प्रयास आदिवासियों और अल्पसंख्यकों की धार्मिक-सांस्कृतिक पहचान को खत्म करने की कोशिश माना जाएगा. स्टालिन ने लॉ कमीशन के चीफ से कहा है कि यूसीसी में ऐसी क्षमता है कि वो धार्मिक समुदायों के बीच गहरे विभाजन और सामाजिक अशांति पैदा कर सकती है.
इससे पहले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार ने कहा था कि केंद्र सरकार ने यह मुद्दा (समान नागरिक संहिता) विधि आयोग को दे दिया है और आयोग ने विभिन्न संगठनों से प्रस्ताव मांगे हैं. अब तक, आयोग को 900 प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं. मुझे नहीं पता कि उन प्रस्तावों में क्या उल्लेख है, उन्होंने इसे सार्वजनिक नहीं किया. विधि आयोग को जिम्मेदार संस्थानों की तरह उन्हें दिए गए प्रस्ताव/सुझाव का अध्ययन करना चाहिए और उस पर काम करना चाहिए.
एनसीपी सुप्रीमो ने कहा कि यूसीसी में दूसरी बात ये है कि सिख, जैन और ईसाई समुदाय का रुख साफ किया जाए. मुझे एक बात की चिंता है, मैंने सुना है कि सिख समुदाय का रुख अलग है. मैं और जानकारी एकत्र कर रहा हूं लेकिन मैंने सुना है कि सिख समुदाय यूसीसी के पक्ष में नहीं है. इस समुदाय के रुख को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता.
शरद पवार ने आगे कहा कि मुझे केवल एक ही संदेह है. देश की मौजूदा तस्वीर और लोगों में मौजूदा सरकार को लेकर नाराजगी देखने के बाद मुझे लगता है कि ये लोगों का ध्यान इससे भटकाने की कोशिश है. समान नागरिक संहिता पर एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि ऐसा लग रहा है कि लोगों की नाराजगी और बेचैनी पीएम तक पहुंच गई है.
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