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Uniform Civil Code Details: जानें क्या है यूनिफॉर्म सिविल कोड? लागू हुआ तो क्या होगा इसका असर

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव करीब आते ही एक बार फिर(Uniform Civil Code Details) यूनिफॉर्म सिविल कोड या समान नागरिक संहिता को लेकर देश में बहस छिड़ गई है। एक देश में एक समान कानून की मांग को पूरा करने पर जोर देते हुए नरेंद्र मोदी सरकार ने इसे लागू करने के संकेत दिए हैं। चलिए जानते हैं कि आखिर यह कानून क्या है?

यूनिफॉर्म सिविल कोड में देश में सभी समुदायों, धर्मों के लिए एक बराबर कानून बनाने की वकालत की गई है। बता दें कि इस कानून का मतलब है कि देश में सभी धर्मों, समुदायों के लिए कानून एक समान होगा। धर्म और मजहब के आधार पर मौजूदा अलग-अलग कानून एक तरह से निष्प्रभावी हो जाएंगे।

क्या है ये संवैधानिक वैधता?

गौरतलब है कि यूनिफॉर्म सिविल कोड संविधान के अनुच्छेद 44(Uniform Civil Code Details) के तहत आती है। इसमें बोला गया है कि राज्य पूरे भारत में नागरिकों के लिए एक समान नागरिक संहिता सुनिश्चित करने का प्रयास करेगा इसी अनुच्छेद के चलते इस यूनिफॉर्म सिविल कोड को देश में लागू करने की मांग की जा रही है। इसके पीछे जनसंख्या की को बिगड़ने से रोकना और जनसांख्यिकी को नियंत्रित करने की तर्क दी जाती है।

बीजेपी के घोषणापत्र में शामिल

बता दें कि यह मुद्दा एक सदी से भी ज्यादा समय से राजनीतिक नरेटिव और बहस के केंद्र बना हुआ है। बीजेपी 2014 में सरकार बनने से ही UCC को संसद में कानून बनाने पर जोर दे रही है। बीजेपी ने हमेशा इसे अपने प्राइमरी एजेंडे में शामिल किया है। 2024 चुनाव आने से पहले इस मुद्दे ने एक बार फिर जोर पकड़ लिया है। बीजेपी सत्ता में आने पर UCC को लागू करने का वादा करने वाली पहली पार्टी थी और वहीं यह मुद्दा उसके 2019 के लोकसभा चुनाव घोषणापत्र का हिस्सा था।

क्या है यूनिफॉर्म सिविल कोड ?

– तलाक, विवाह, गोद लेने और संपत्ति में हर किसी के लिए एक नियम।
– परिवार के सदस्यों के आपसी अधिकारों और संबंध में समानता।
– परंपरा, धर्म या जाति के आधार पर नियमों में कोई रियायत नहीं।
– किसी भी धर्म के लिए अलग से कोई नियम नहीं।

UCC लागू हुआ तो क्या होगा?

– UCC के तहत संपत्ति, शादी, तलाक,गोद लेने जैसे मामले।
– हर धर्म में तलाक वा शादी के लिए एक ही कानून।
– जो भी कानून हिंदुओं के लिए, वहीं दूसरों के लिए भी।
– बिना तलाक किए एक से ज्यादा शादी नहीं कर पाएंगे।
– शरीयत के अनुसार जायदाद का बंटवारा नहीं होगा।

UCC लागू होने से क्या नहीं बदलेगा?

– धार्मिक मान्यताओं पर कोई असर नहीं।
– धार्मिक रीति और रिवाज पर असर नहीं।
– ऐसा बिल्कुल भी नहीं है कि शादी पंडित या मौलवी नहीं कराएंगे।
– पूजा-इबादत, खान-पान, वेश-भूषा पर प्रभाव नहीं।

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Janhvi Srivastav

मैं जान्हवी श्रीवास्तव, मैंने अपना ग्रेजुएशन दिल्ली यूनिवर्सिटी और मास्टर्स माखनलाल यूनिवर्सिटी भोपाल से किया है। मुझे प्रिंट और सोशल मीडिया का अनुभव है, अभी मैं इंडिया न्यूज़ के डिजिटल प्लेटफार्म "इनखबर" में कंटेंट राइटर की पोस्ट पर हूं।

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