इंटरनेट आज के समय में हमारी ज़िंदगी का एक अहम हिस्सा बन चुका है। बिना इंटरनेट के, दुनिया का एक दिन भी बिताना मुश्किल हो जाता है।
नई दिल्ली: इंटरनेट आज के समय में हमारी ज़िंदगी का एक अहम हिस्सा बन चुका है। बिना इंटरनेट के, दुनिया का एक दिन भी बिताना मुश्किल हो जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इंटरनेट केवल जमीन पर नहीं, बल्कि समुद्र के अंदर भी फैला हुआ है? समुद्र के अंदर फाइबर ऑप्टिक केबल्स हजारों मील की दूरी तय करती हैं। हाल ही में की गई एक रिसर्च ने चौंकाने वाली बात सामने रखी है: समुद्र के अंदर हिमस्खलन (टर्बिडिटी करंट) से ये इंटरनेट केबल्स प्रभावित हो सकती हैं, जिससे पूरी दुनिया का इंटरनेट ठप हो सकता है।
हाल ही में हुई स्टडी में पता चला है कि समुद्र के भीतर होने वाले हिमस्खलन, जिसे टर्बिडिटी करंट भी कहते हैं, इंटरनेट कनेक्टिविटी के लिए गंभीर खतरा साबित हो सकते हैं। ये हिमस्खलन समुद्र के तल पर बिछी फाइबर ऑप्टिक केबल्स को नुकसान पहुंचा सकते हैं, जिससे विश्वभर में इंटरनेट सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं।
समुद्र के तल पर दबे हुए सेडिमेंट्स (तलछट) जब अचानक तेज बहाव के साथ अपनी जगह छोड़ते हैं, तो वे आगे की ओर बहने लगते हैं। इस तेजी से बहने की प्रक्रिया से समुद्र के नीचे मौजूद ऑप्टिक फाइबर केबल्स कट सकती हैं या उन्हें नुकसान पहुंच सकता है। यदि ऐसा होता है, तो यह दुनिया भर के इंटरनेट को प्रभावित कर सकता है।
समुद्र के अंदर हिमस्खलन का पता लगाना कठिन होता है क्योंकि यह घटनाएं समुद्र के गहराई में होती हैं। कई बार ये हिमस्खलन बहुत दूर से शुरू होते हैं, जिससे उनका अनुमान लगाना मुश्किल होता है। भूकंप, सुनामी और ज्वालामुखी के फटने के कारण समुद्र में हिमस्खलन की घटनाएं हो सकती हैं। इस रिसर्च ने यह स्पष्ट कर दिया है कि समुद्र के भीतर हिमस्खलन इंटरनेट के लिए एक बड़ा खतरा हो सकता है, जिसे गंभीरता से लेने की जरूरत है।
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