पार्टी के वरिष्ठ नेता और कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राहुल गांधी पर लोकतंत्र को दबाने के लिए शारीरिक बल का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया और कहा कि वे नेता प्रतिपक्ष के पद के लायक नहीं हैं।
नई दिल्ली : भाजपा ने संसद में विपक्षी सांसदों के व्यवहार को अपमानजनक, असभ्य, उद्दंड और शर्मनाक बताया है। पार्टी के वरिष्ठ नेता और कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राहुल गांधी पर लोकतंत्र को दबाने के लिए शारीरिक बल का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया और कहा कि वे नेता प्रतिपक्ष के पद के लायक नहीं हैं। उनका कहना था कि संसद में जो हुआ, उसके लिए राहुल गांधी को देश माफ नहीं करेगा। चौहान ने यह भी कहा कि संसद में इस तरह के आचरण के लिए राहुल गांधी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए। वे यह स्पष्ट करना चाहते थे कि वे राहुल गांधी पर आरोप नहीं लगा रहे हैं, बल्कि सिर्फ संसद में घटित घटनाओं का सच सामने रख रहे हैं।
भाजपा ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी ने भाजपा सांसदों के साथ धक्का-मुक्की की। शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि इससे पहले कांग्रेस के सांसद संसद भवन के बाहर प्रदर्शन करते रहे थे, जबकि भा.ज.पा. के सदस्य शांतिपूर्वक अन्य दरवाजों से प्रवेश करते थे। लेकिन राहुल गांधी न केवल प्रदर्शन कर रहे सांसदों के बीच पहुंचे, बल्कि वहां भी धक्का-मुक्की की। सुरक्षा कर्मियों द्वारा उन्हें दूसरे रास्ते से जाने की सलाह देने के बावजूद, राहुल गांधी ने ऐसा किया। चौहान ने यह सवाल उठाया कि राहुल गांधी भाजपा सांसदों के बीच क्यों गए थे, यह स्पष्ट रूप से लोकतंत्र की मर्यादा को नुकसान पहुंचाने की मंशा थी।
शिवराज सिंह चौहान ने यह भी आरोप लगाया कि राहुल गांधी के नेतृत्व में विपक्षी सांसदों ने सिर्फ संसद भवन के बाहर ही नहीं, बल्कि लोकसभा में भी उपद्रव किया। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद पहली बार लोकसभा अध्यक्ष की आसंदी को अपमानित किया गया। इसके अलावा, राहुल गांधी पर आरोप लगाया गया कि उन्होंने भाजपा की महिला आदिवासी सांसद एस फांगनोन कोन्याक के साथ दुर्व्यवहार किया और बुजुर्ग सांसदों जैसे मुकेश राजपूत और प्रताप सारंगी के साथ भी धक्का-मुक्की की। चौहान ने इसे भारतीय संस्कृति और मर्यादा के खिलाफ बताया, जो महिलाओं और बुजुर्गों का सम्मान करना सिखाती है।
चौहान ने यह भी कहा कि उन्हें उम्मीद थी कि राहुल गांधी प्रेस कॉन्फ्रेंस में माफी मांगेंगे, लेकिन वहां भी उनका अहंकार दिखाई दिया। उन्होंने कांग्रेस की इस तरह की राजनीति पर हैरानी जताते हुए सवाल किया कि क्या अब संसद में तर्कों और तथ्यों के बजाय शारीरिक बल का इस्तेमाल किया जाएगा।
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